अप्रवासियों की, वीजा अवधि समाप्त होने के बावजूद स्थायी रूप से बसने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए आस्ट्रेलिया सरकार ने अपने वीजा नियमों की समीक्षा कर उन्हें सख्त बनाने का निर्णय किया है. इससे वीजा के लिए आवेदन करने वाले भारतीय नागरिकों सहित 20 हजार से अधिक आवेदकों के प्रभावित होने की संभावना है.
वीजा नियमों में इस समीक्षा में खास तौर से उस प्रणाली पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो मांग वाले पेशेवरों की पहचान करती है. समीक्षा में प्वाइंट प्रणाली शुरू करने पर भी ध्यान दिया जाएगा. नियमों में बदलाव के तहत आव्रजन मंत्री को कुछ नये कानूनी अधिकार दिए जाएंगे जिससे वह एक व्यवसाय के लिए वीजा की अधिकतम संख्या निर्धारित कर सकेंगे.
राज्य सरकारों से भी नयी आव्रजन योजनाएं बनाने के बारे में कहा जाएगा. दैनिक द एज की खबरों में कहा गया है कि आस्ट्रेलियाई आव्रजन विभाग सोमवार से वीजा नियमों को और सख्त करेगा. ऐसे विदेशी छात्र, जिनके पास किसी पेशे की योग्यता है और जिनकी अभी मांग नहीं है, वह अस्थायी तौर पर 18 महीने की अवधि तक के लिए वीजा का आवेदन कर सकते हैं.
इससे छात्रों को कार्य अनुभव प्राप्त करने में सहायता मिलेगी और उन विदेशी स्नातकों को नियोक्ता की तलाश के लिए समय भी मिल जाएगा जो उनके आवेदन को एक कुशल आव्रजक के रूप में प्रायोजित करने का इच्छुक हो. अगर वह ऐसा करने में असफल रहते हैं तो उन्हें स्वदेश वापस लौट जाना पड़ेगा. इस नयी प्रणाली से उन पेशेवरों की एक नयी सूची तैयार की जाएगी जिनकी अभी मांग है. इस बात की भी संभावना है कि नयी प्रणाली रसोईये और बाल काटनेवालों की अपेक्षा नर्सों, चिकित्सकों, मैकेनिकल इंजीनियरों और शिक्षकों जैसे कुशल कामगारों के पक्ष में होगी.
भाषा