करगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में हुआ था. इस युद्ध के कारण को जानने से पहले भारत और पाकिस्तान की भौगोलिक अवस्थिति को जानना जरूरी है. भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा 740 किलोमीटर लंबी है, जो पहाड़ों और दुर्गम इलाकों के बीच से गुजरती है.
नियंत्रण रेखा पर अक्सर तनाव की स्थिति
दोनों देशों के बीच मौजूदा नियंत्रण रेखा लगभग वैसी ही है, जैसी कि 1947 के युद्ध के समय थी. दोनों देशों के बीच इसके बाद 1965 में फिर युद्ध छिड़ा, जिसमें पाकिस्तान की बुरी तरह हार हुई. इसके बाद 1971 में एक बार फिर युद्ध हुआ. इसी युद्ध में पूर्वी पाकिस्तान टूटकर बांग्लादेश बन गया. उस समय भी कश्मीर में कई जगहों पर लड़ाई हुई और नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों ने एक-दूसरे की चौकियों पर नियंत्रण किया. लेकिन पिछले डेढ़ दशक से नियंत्रण रेखा पर तनाव ज्यादा बढ़ा है. साथ ही सीमा पर घुसपैठ में भी इजाफा हुआ है.
घुसपैठियों की मदद में जुटी पाकिस्तानी सेना
इन्हीं परिस्थितियों में 1999 में मई और जुलाई के दौरान करगिल युद्ध हुआ. कई रिपोर्टों से यह बात साबित हो चुकी है कि पाकिस्तान की सेना घुसपैठिए आतंकियों की भारत की सीमा में घुसने में मदद कर रही थी. जब पाकिस्तानी घुसपैठिए बड़े पैमाने पर नियंत्रण रेखा पार कर भारत की ओर आकर जमने लगे, तो उन्हें निकाल बाहर करने के लिए भारतीय सेना को मोर्चा संभालना पड़ा. भारत के लिए मुश्किल की बात यह थी कि पाकिस्तान की सेना घुसपैठियों की मदद के लिए खुलकर सामने आने लगी.
भारत ने नियंत्रण रेखा को बख्शा सम्मान
इस युद्ध के पीछे पाकिस्तानी सेना का मकसद था नियंत्रण रेखा पार कर भारत की महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा जमाना. ऐसा करने से लेह-लद्दाख को भारत से जोड़ने वाली सड़क पर पाकिस्तान का नियंत्रण कायम हो जाता और इससे सियाचिन ग्लेशियर पर भारत की स्थिति कमजोर हो जाती. इस युद्ध की खास बात यह थी कि भारत की थल सेना और वायुसेना ने नियंत्रण रेखा को पार किए बिना ही फतह हासिल की थी. यह युद्ध 2 माह से भी ज्यादा समय तक चला था. जानकारी के मुताबिक युद्ध में भारत के करीब 527 जवान शहीद हुए थे और 1300 से ज्यादा जवान घायल हो गए थे.
26 जुलाई हमारे लिए विजय दिवस
करगिल युद्ध के दौरान घुसपैठियों को देश की सीमा से बाहर खदेड़ने के लिए जो अभियान चलाया गया था, उसे नाम दिया गया था, 'ऑपरेशन विजय'. चूंकि 26 जुलाई, 1999 को भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध में पूरी तरह से फतह हासिल की थी, इसलिए भारतवासी हर 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाते हैं.
भारतीय सेना ने लहराया तिरंगा
दोनों ओर से जमकर गोलबारी हुई. इस युद्ध में विदेश से खरीदे गए विवादास्पद बोफोर्स तोप का भी भारत ने जमकर इस्तेमाल किया. यह तोप करगिल युद्ध के दौरान बेहद कामयाब रही. इस करगिल युद्ध में भारत की जीत हुई और पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी.
आज तक ब्यूरो