ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम इतिहास रचने से चूक गई है. अर्जेंटीना के साथ आज खेले गए सेमीफाइनल मैच में भारत महिला हॉकी टीम हार गई है. अर्जेंटीना ने 2 गोल दागे, जबकि भारत सिर्फ एक गोल कर पाया है. हालांकि हमारी बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया. अब ब्रॉन्ज के लिए महिला टीम की टक्कर होगी. खैर आज देश को उन सभी 16 बेटियों पर नाज है, जिन्होंने इतिहास में पहली बार महिला हॉकी टीम को अंतिम-4 में पहुंचाया है. आइए इन्हीं बेटियों में से एक सलीमा टेटे के बारे में जानते हैं.
भारत की महिला हॉकी टीम भी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई है. उसे अर्जेंटीना के हाथों 1-2 से हार मिली है. टीम इंडिया अब कांस्य पदक के लिए खेलेगी. महिला टीम से पहले पुरुष टीम भी सेमीफाइनल का मैच हारी थी. उसे बेल्जियम से शिकस्त मिली थी.
भारत की बेटियों के सामने आज इतिहास रचकर पहली बार ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने का चांस है. पूरे देश की नज़रें आज टोक्यो में टीम इंडिया पर टिकी हैं और सवा अरब लोगों की दुआएं देश की बेटियों के साथ हैं.
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अब सलीमा के ओलिम्पिक के यादगार सफर को उसके परिवार और गांव वालों को साझा करने के लिए सिमडेगा जिला प्रशासन आगे आया है. ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाने वाली सिमडेगा की बिटिया सलीमा टेटे के परिवार वालों के लिए मंगलवार का दिन खुशियां लेकर आया. पहले सीएम हेमंत सोरेन ने जहां सलीमा के पिता को 5 लाख का चेक देकर सम्मानित किया. वहीं जिला प्रशासन ने उनके घर में 43 इंच का नया स्मार्ट 4K टीवी और सेट टॉप बॉक्स लगवाकर खुशियों को दोगुना कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सलीमा जब हॉकी की वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलने गईं तो उनके पास ट्रॉली बैग तक नहीं था, कुछ परिचितों ने किसी से पुराना बैग लेकर दिया. सलीमा का परिवार उनका मैच नहीं देख पाता है, क्योंकि गांव में एकमात्र टीवी सेट कई साल से खराब है और इंटरनेट कनेक्टिविटी भी खराब है.
सलीमा टेटे के पिता, जो एक किसान हैं, वह खुद हॉकी खेलते थे और इसलिए उन्होंने अपनी बेटी को इस खेल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. हॉकी स्टिक के अभाव में सलीमा टेटे अभ्यास करने के लिए लकड़ी की छड़ियों का इस्तेमाल करती थीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सलीमा के सपने को सच करने के लिए बहन अनीमा ने मेड का काम किया.
सलीमा टेटे झारखंड के सबसे ज्यादा माओवादी प्रभावित जिलों में से एक सिमडेगा के बड़कीचापर गांव की रहने वाली हैं. मैदान पर अपने दृढ़ बचाव के लिए जानी जाने वाली 19 वर्षीय सलीमा टेटे ने 2018 युवा ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम की कप्तानी की. उन्हें भारतीय हॉकी की अगली पीढ़ी का खिलाड़ी माना जाता है.