भारत के पुरुष मुक्केबाज अमित पंघल विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 52 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में हार कर रजत पदक तक ही सीमित रह गए. एकातेरिनबर्ग (रूस) में जारी विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में रियो ओलम्पिक-2016 में स्वर्ण जीतने वाले उज्बेकिस्तान के शाखोबिदीन जोइरोव ने अमित को कड़े मुकाबले में 5-0 हराया. हालांकि यह विश्व चैम्पियनशिप में भारत के पुरुष मुक्केबाजों का अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. अमित से पहले कोई भी भारतीय पुरुष मुक्केबाज फाइनल तक भी नहीं पहुंच सका था.
अमित जिस फॉर्म में थे उससे उम्मीद थी कि वह भारत को इस टूर्नामेंट में पहला स्वर्ण दिलाएंगे, लेकिन जोइरोव ने अपने बेहतरीन खेल से अमित को मात दी. अमित हालांकि पीछे नहीं रहे. उन्होंने उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी का जमकर सामना किया. उन्होंने शुरुआत उसी तरह की जिस तरह वो अमूमन करते हैं. डिफेंसिव होकर वह अपने विपक्षी को समझना चाह रहे थे. शुरुआती मिनट उन्होंने इसी तरह निकाले. जोइरोव भी अमित की गलती का इंतजार कर रहे थे.
आक्रामक दिखे अमित के तेवर
दोनों ने कुछ पंच भी लगाए. अमित के पंच सही जगह नहीं लगे, जबकि जोइरोव ने राइट जैब का अच्छा इस्तेमाल कर कुछ सटीक पंचे दिए. दूसरे दौर में दोनों खिलाड़ी आक्रामक हो गए. अमित थोड़ी जल्दबाजी में थे, जिसका फायदा जोइरोव ने उठाया. उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी ने अमित से तय दूरी बनाकर चली और मौके मिलने पर काउंटर कर अंक बटोरे. अमित ने राउंड के आखिर में सटीक पंच लगाए.
तीसरे राउंड में दोनों खिलाड़ी और ज्यादा आक्रामक हो गए थे. इस दौर में कई बार दोनों पंच मारने के प्रयास में एक-दूसरे से लिपट भी गए, जिस पर रेफरी ने उन्हें चेताया. राउंड के अंत में जोइरोव जल्दबाजी कर रहे थे, लेकिन उनके लिए अच्छी बात यह थी कि वह अमित को सही जगह मारने में सफल रहे.
अमित ने भी आखिरी मिनटों में सतर्कता दिखाई और डिफेंस को मजबूत करते हुए पंच मारे, हालांकि यह एशियाई चैम्पियन के लिए काफी नहीं रहा और वह स्वर्ण से चूक गए.
विश्व मुक्केबाजी में भारत का यह छठा पदक है. अमित पंघल के रजत (2019) के अलावा विजेंदर सिंह (2009), विकास कृष्ण (2011), शिवा थापा (2015), गौरव बिधूड़ी (2017) और मनीष कौशिक (2019) ने कांस्य पदक पर कब्जा किया है.
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