कलमाड़ी और चौटाला की नियुक्ति से नाराज खेल मंत्रालय ने रद्द की आईओए की मान्यता

इस निलंबन के साथ ही आईओए को राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) के तौर पर सरकार से मिलने वाले विशेषाधिकार एवं सुविधाएं हासिल नहीं कर सकेगा. इस फैसले से आईओए को सरकार से मिलने वाली वित्तीय मदद के अलावा अन्य मदद भी बंद हो जाएंगी.

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विजय गोयल विजय गोयल

अमित रायकवार

  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:06 AM IST

भ्रष्टाचार के आरोपी सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला की नियुक्तियों से नाराज खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की मान्यता रद्द कर दी. मंत्रालय ने दोनों दागी नेताओं को आईओए का आजीवन मानद अध्यक्ष चुने जाने पार कारण बताओ नोटिस जारी कर आईओए से जवाब तलब किया था, लेकिन आईओए से मिले जवाब से असंतुष्टि जाहिर करते हुए मंत्रालय ने संघ की मान्यता रद्द कर दी.

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IOA को वित्तीय मदद बंद होगी
इस निलंबन के साथ ही आईओए को राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) के तौर पर सरकार से मिलने वाले विशेषाधिकार एवं सुविधाएं हासिल नहीं कर सकेगा. इस फैसले से आईओए को सरकार से मिलने वाली वित्तीय मदद के अलावा अन्य मदद भी बंद हो जाएंगी. खेल मंत्री विजय गोयल ने एक बयान जारी कर कहा, 'सरकार ने आईओए की मान्यता तब तक के लिए रद्द कर दी है जब तक वह सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को आजीवन मानद अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले को वापस नहीं ले लेता.'

खेल मंत्रालय की आपत्ति
आईओए ने मंगलवार को वार्षिक आम बैठक में कलमाड़ी और चौटाला को सर्वसम्मति से आजीवन मानद अध्यक्ष चुना था. इस फैसले पर खेल मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी और आईओए को कारण बताओ नोटिस भेजा था. बयान में कहा गया है, 'आईओए को शुक्रवार पांच बजे तक नोटिस का जवाब देना था. उनसे मिले पत्र में आईओए ने हमसे नोटिस का जवाब देने के लिए 15 जनवरी तक का समय मांगा है. उन्होंने कहा है कि आईओए के अध्यक्ष देश से बाहर हैं और उन्हें अपने अध्यक्ष से बात करने की जरूरत है. बयान में कहा गया है, 'सरकार उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है क्योंकि उनकी तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया है. सरकार ने आईओए के जवाब को सिर्फ समय बर्बाद करने वाला पाया है.'

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IOA ने नियमों का उल्लंघन किया: खेल मंत्रालय
बयान में लिखा गया है, 'यह आईओए द्वारा सुप्रशासन के नियमों का उल्लंघन है जो खेल संस्थाओं में प्रमुख है. इसके खिलाफ तुरंत ही जरूरी कदम उठाए जाएंगे क्योंकि यह राष्ट्र की गरिमा और आम जनता की भावना का सवाल है.' मंत्रालय ने कहा है, 'सरकार ओलंपिक कार्यक्रम का बेहद सम्मान करती है और खेल की स्वायत्तता को बचाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन वह आईओए द्वारा नियमों के उल्लंघन पर चुप्पी नहीं साध सकती.' बयान में कहा गया है, 'इसलिए यह फैसला लिया गया है कि हम आईओए को सरकार द्वारा दी गई मान्यता तब तक रद्द करते हैं जब तक आईओए इसको लेकर जरूरी कदम नहीं उठाता.'

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