दो महीने पहले पिता को गंवाया था, अब भारत को हार से बचाकर बन गईं स्टार

भारतीय महिला टीम ने ब्रिस्टल में इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र क्रिकेट टेस्ट मैच ड्रॉ कराया. भारत को हार से बचाने में ऑलराउंडर स्नेह राणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

Advertisement

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2021,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST
  • भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच ड्रॉ कराया
  • भारत को हार से बचाने में ऑलराउंडर स्नेह राणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही

भारतीय महिला टीम ने ब्रिस्टल में इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र क्रिकेट टेस्ट मैच ड्रॉ कराया. भारत को हार से बचाने में ऑलराउंडर स्नेह राणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही. स्नेह ने मैच में पहले तो 4 विकेट चटकाए, फिर भारत की फॉलोऑन पारी में बल्ले से कमाल दिखाते हुए नाबाद 80 रन बनाए. स्नेह राणा ने इस यादगार प्रदर्शन को अपने दिवंगत पिता को‌ समर्पित किया. 

Advertisement

मैच के आखिरी दिन फॉलोऑन खेलते हुए भारतीय ने 240 रनों पर अपने 8 विकेट खो दिए थे. ऐसे में अपना डेब्यू टेस्ट खेल रहीं स्नेह राणा और विकेटकीपर तानिया भाटिया ने नौवें विकेट के लिए 124 रनों की नाबाद साझेदारी कर टीम को हार से बचा लिया. स्नेह ने अपनी पारी में 154 गेंदों का सामना करते हुए 13 चौके जमाए, जबकि तानिया 88 गेंदों में 44 रन बनाकर नाबाद रहीं.

27 साल की स्नेह राणा ने अपने पिता को याद करते हुए कहा, 'मैंने दो महीने पहले अपने पिता को खो दिया था. यह काफी मुश्किल और भावनात्मक क्षण था क्योंकि वह मुझे भारत के लिए फिर से खेलते देखना चाहते थे. लेकिन दुर्भाग्य से वह नहीं देख सके. यह ठीक है, लेकिन मैंने जो कुछ भी किया और और आगे जो भी करूंगी, वह उन्हीं को समर्पित होगा.'

Advertisement

गौरतलब है कि इंग्लैंड दौरे के चुने जाने से कुछ दिनों पहले ही स्नेह राणा के‌ पिता का निधन हो गया था. वह अपनी बेटी को भारतीय टीम में वापसी करते देखना चाहते थे. स्नेह राणा पांच साल से अधिक समय तक भारतीय टीम से बाहर रही थीं. इस मुकाबले से पहले वह आखिरी बार फरवरी 2016 में भारत के लिए खेलने उतरी थीं. इंग्लैंड दौरे से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के केंद्रीय अनुबंध में भी स्नेह राणा का नाम शामिल नहीं था. 

स्नेह राणा का जन्म 18 फरवरी, 1994 को देहरादून के सिनौला गांव में हुआ था. बेटी को क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने हर संभव कोशिश की. उनके पिता पेशे से किसान थे, लेकिन वह अपनी बेटी को भारत के लिए खेलते देखना चाहते थे. स्नेह को लिटिल मास्टर्स क्रिकेट अकादमी, देहरादून छोड़ने के लिए वह हर दिन 10-12 किमी साइकिल चलाकर ले जाया करते थे. वो स्नेह को भारत के लिए खेलता देखना चाहते थे. 

स्नेह राणा की मेहनत आखिरकार रंग लाई. 2014 में श्रीलंका के खिलाफ स्नेह को वनडे और टी20 डेब्यू करने का मौका मिला. 2016 में एक मैच के दौरान स्नेह के घुटने में चोट लगी, जिसका उन्हें ऑपरेशन कराना पड़ा था. चोट के बाद किसी क्रिकेटर के लिए वापसी करना मुश्किल होता है, लेकिन स्नेह ने हार नहीं मानी. इंग्लैंड के खिलाफ सेलेक्ट होने से पहले स्नेह राणा ने 50 ओवरों के घरेलू टूर्नामेंट में ऑलराउंड प्रदर्शन किया था. रेलवे के लिए खेलते हुए स्नेह ने 18 विकेट लेने के साथ ही बल्ले से कुल 160 रन बनाए थे.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement