मिल्खा सिंह बोले- पैरालंपिक एथलीट भी सर्वोच्च खेल पुरस्कारों के हकदार

पैरालंपिक खेलों में मरियप्पन थांगवेलु ने ने पुरुषों की टी-42 ऊंची कूद स्पर्धा में गोल्ड, वरुण भाटी ने इसी स्पर्धा में ब्रॉन्ज और दीपा मलिक ने महिलाओं की एफ-53 गोलाफेंक स्पर्धा में सिल्वर और देवेंद्र झाझरिया ने पुरुष एफ46 भाला फेंक स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है. इसके बाद मांग उठ रही है कि पैरालंपिक पदकधारियों को भी राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा जाए.

Advertisement
ओलंपिक में सिल्वर मेडल से चूक गए थे मिल्खा ओलंपिक में सिल्वर मेडल से चूक गए थे मिल्खा

अंजलि कर्मकार

  • चंडी गढ़,
  • 15 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:17 PM IST

महान एथलीट मिल्खा सिंह ने पैरालंपिक एथलीटों को भी देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार देने की इच्छा जताई है. फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा ने कहा, 'ये एथलीट भी देश के सर्वोच्च सम्मान और पुरस्कार के हकदार हैं, क्योंकि ये उदाहरण है कि समाज कड़ी मेहनत, दृढ़ निश्चय और प्रतिबद्धता से क्या क्या हासिल कर सकता है.'

पैरालंपिक खेलों में मरियप्पन थांगवेलु ने ने पुरुषों की टी-42 ऊंची कूद स्पर्धा में गोल्ड, वरुण भाटी ने इसी स्पर्धा में ब्रॉन्ज और दीपा मलिक ने महिलाओं की एफ-53 गोलाफेंक स्पर्धा में सिल्वर और देवेंद्र झाझरिया ने पुरुष एफ46 भाला फेंक स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है. इसके बाद मांग उठ रही है कि पैरालंपिक पदकधारियों को भी राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा जाए. ओलंपिक मेडल जीतने वाला खिलाड़ी खुद ही ओलंपिक साल के दौरान खेल रत्न पुरस्कार के लिए क्वालीफाई कर लेता है, लेकिन पैरालंपियनों के लिए इस तरह की कोई नीति नहीं है.

Advertisement

ओलंपिक में सिल्वर मेडल से चूक गए थे मिल्खा
बता दें, मिल्खा सिंह 1960 रोम ओलंपिक में सिल्वर मेडल से चूक गए थे. उन्होंने रियो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को उनके प्रयास और सफल प्रदर्शन के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि 2014 में मुझे भारतीय पैरालंपिक समिति ने स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट रन को हरी झंडी दिखाने के लिए आमंत्रित किया था. मैं उस दिन वहां पैरालंपिक एथलीटों से मिलकर उनके उत्साह से काफी हैरान था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement