राष्ट्रमंडल खेलों की भारत की तैयारियों में व्यवधान डालने वाला सीरिंज विवाद राष्ट्रमंडल खेल महासंघ की अदालत तक पहुंच गया है, जो डोपिंग उल्लंघन से परे इस मामले की सुनवाई करेगी. सीजीएफ सीईओ डेविड ग्रेवेमबर्ग ने अपनी दैनिक प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘ सीजीएफ मेडिकल आयोग ने अपनी जांच पूरी कर ली है. उन्होंने मामला सीजीएफ अदालत के सुपुर्द कर दिया है. सुनवाई के बाद ही फैसला होगा. अंतिम सुनवाई तक इंतजार कीजिए. हम तमाम घटनाक्रम की जानकारी देंगे .’
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उन्होंने कहा ,‘यह मसला डोपिंग विरोधी नियमों के उल्लंघन का नहीं है, बल्कि सीजीएफ की नो नीडल पॉलिसी के उल्लंघन का है.’ सीजीएफ ने इस मसले से जुड़े राष्ट्रीय महासंघ या खिलाड़ियों का नाम नहीं लिया. ऐसी अटकलें हैं कि यह देश भारत है और दल के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि थके हुए खिलाड़ियों को मल्टी विटामिन देने के लिये सीरिंज का इस्तेमाल किया गया था.
इस विवाद के बाद हुए डोप टेस्ट के नतीजे निगेटिव रहे हैं, जिससे भारत को राहत मिली. वैसे नो नीडल पॉलिसी का उल्लंघन पर सीजीएफ अदालत चेतावनी या जुर्माना लगा सकता है. ग्रेवेमबर्ग ने कहा ,‘सीजीएफ अदालत के पास खिलाड़ियों और महासंघ को सजा देने का अधिकार है. यह मेडिकल आयोग द्वारा दिये जाने वाले सबूतों की जांच करेगी और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.’
विश्व मोहन मिश्र