एशियाई खेल: भारतीय खिलाड़ियों को अब तक नहीं मिला दैनिक भत्ता, अभियान खत्म होने के करीब

भारतीय खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए देश को अब तक मिले कुल छह स्वर्ण पदकों में आधे यानि तीन स्वर्ण जीते हैं. लेकिन अब भी उन्हें उनका दैनिक भत्ता मिलना बाकी है.

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तरुण वर्मा

  • पालेमबांग,
  • 25 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

एशियाई खेलों के दौरान पालेमबांग में स्पर्धाएं लगभग खत्म होने को हैं लेकिन भारतीय खिलाड़ियों को अब भी उनका 50 डॉलर का दैनिक भत्ता नहीं मिला है.

भारतीय दल के एक अधिकारी ने इस बाबत पूछने पर इस बात की पुष्टि की. पालेमबांग टेनिस और निशानेबाजी जैसे कुछ खेलों का आयोजन स्थल है. जहां टेनिस में भारतीय खिलाड़ियों की सभी स्पर्धाएं खत्म हो चुकी हैं, निशानेबाजी की स्पर्धा कल खत्म होंगी.

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दोनों ही खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए देश को अब तक मिले कुल छह स्वर्ण पदकों में आधे यानी तीन स्वर्ण जीते हैं. लेकिन अब भी उन्हें उनका दैनिक भत्ता मिलना बाकी है.

अधिकतर टेनिस खिलाड़ी और निशानेबाज पहले ही अपनी दूसरी प्रतियोगिताओं के लिए यहां से रवाना हो चुके हैं. जहां निशानेबाज दक्षिण कोरिया के चांगवोन में विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए जा रहे हैं वहीं युगल में स्वर्ण जीतने वाली रोहन बोपन्ना और दिविज शरन की जोड़ी न्यूयॉर्क में अमेरिकी ओपन टेनिस में हिस्सा लेगी.

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सभी खिलाड़ियों को फोरेक्स कार्ड दे दिया गया है, लेकिन उसमें अब तक पैसे नहीं डाले गए हैं. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तरफ से एशियाई खेलों में देश के दल प्रमुख बी एस कुशवाहा ने पीटीआई से कहा कि फोरेक्स कार्ड जल्द ही काम करने लगेंगे.

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उन्होंने कहा, ‘ये कार्ड दिल्ली से चालू किए जाएंगे यहां से नहीं. मैं दिल्ली में आईओए के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हूं और उनका कहना है कि यह काम जल्द ही हो जाएगा. यह आज शाम तक हो सकता है.’

इस भत्ते को खेल मंत्रालय मंजूरी देता है, लेकिन यह सुनिश्चित करने का काम आईओए देखता है कि खिलाड़ियों को ये भत्ते मिलें. हालांकि देरी से सीनियर खिलाड़ियों पर असर नहीं पड़ता लेकिन नए खिलाड़ियों के लिए यह मुश्किल भरी स्थिति है.

एक खिलाड़ी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘खेल गांव में वैसे तो सब कुछ है, लेकिन कई बार आपको पैसे की जरूरत होती है. मेरा मानना है कि अगर आपको पैसे देने ही हैं तो टूर्नामेंट की शुरूआत में ही क्यों नहीं ऐसा करते? ज्यादातर टेनिस खिलाड़ी जा चुके हैं, इसलिए वे कार्ड अब चालू करें तो क्या मतलब है?’

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निशानेबाजी टीम के एक अधिकारी ने कहा कि गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के समय ऐसा नहीं था, लेकिन इस बार उन्हें भत्ते के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.

अधिकारी ने कहा, ‘हमें बताया गया है कि हमें आज रात तक भत्ता मिल जाएगा. लेकिन साफ तौर पर बेहतर होता है कि जब हमें किसी प्रतियोगिता की शुरुआत में ही या फिर बीच में वह मिल जाए. अब तो यह खत्म होने के करीब है.’

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कुशवाहा ने कहा कि कई बार खिलाड़ियों की गलत सूचना से भी भत्ते मिलने में देरी हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘कई बार वे जो पासपोर्ट संख्या भेजते हैं, वह गलत हो सकती है या फॉर्म भरने में किसी तरह की गलती से देरी हो सकती है. जो भी हो, दिल्ली में बैठे अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं और जल्द ही यह काम हो जाना चाहिए.’

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