महिला मुक्केबाजी: आज शशि, अंकुशिता पर होंगी सभी की निगाहें

भारत के अलावा रूसी खिलाड़ियों ने भारत की बराबरी करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई है.

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एआईबीए महिला यूथ विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप एआईबीए महिला यूथ विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप

विश्व मोहन मिश्र

  • गुवाहाटी,
  • 24 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:28 AM IST

एआईबीए महिला यूथ विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शुक्रवार को चार भारतीय मुक्केबाज सेमीफाइनल में अपनी किस्मत आजमाने उतरेंगी. इनमें से शशि और अंकुशिता पर खासतौर पर सभी की निगाहें होंगी, क्योंकि इन दोनों ने अपने-अपने भारवर्ग में अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया है. फ्लाई, फेदर, वेल्टर, मिडिल और हैवी कटेगरी में शुक्रवार को कुल 10 मुकाबले होने हैं. भारत के अलावा रूसी खिलाड़ियों ने भारत की बराबरी करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई है.

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कजाकिस्तान की दो मुक्केबाज अंतिम चार की चुनौती पेश करेंगी, जबकि चीन, मंगोलिया, थाईलैंड, ताइपे, आयरलैंड, जापान, पोलैंड, तुर्की, इंग्लैंड और वियतनाम की एक-एक खिलाड़ी सेमीफाइनल में अपनी किस्मत आजमाएंगी. भारत और रूस की मुक्केबाज शुक्रवार को किसी भी भारवर्ग में एक-दूसरे के सामने नहीं उतरेंगी. भारत की ज्योति को फ्लाईवेट में कजाकिस्तान की अबराएमोवा झानसाया से भिड़ना है. झानसाया ने इससे पहले अमेरिका की हेवन गार्सिया को हराया है और उन्हें खिताब का दावेदार माना जा रहा है.

शशि चोपड़ा को मंगोलिया की मोंघोर नामुन से भिड़ना है. नामुन को एक कड़ा विपक्षी माना जाता है. वह न सिर्फ आक्रामक हैं बल्कि तेज भी हैं तथा उनके पास कई अच्छे पंच हैं. इसके बाद बारी भारत की सबसे प्रतिभाशाली मुक्केबाज अंकुशिता बोरो की होगी. बोरो को स्थानीय लोगों का जबरदस्त समर्थन मिलेगा और वह थाईलैंड की साकश्री थानचानोक को हराने का प्रयास करेंगी. थाई खिलाड़ी ने बीते मुकाबले में पोलैंड की बोरेस पेट्रिका को हराया था.

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सेमीफाइनल मे जगह बनाने वाली भारत की चौथी मुक्केबाज नेहा यादव हैं. नेहा को फाइनल में जगह बनाने के लिए कजाकिस्तान की इस्लामबेकोवा डिना से भिड़ना है. कजाक खिलाड़ी काफी हार्ड हिटिंग और प्रतिभाशाली हैं। नेहा को जीत हासिल करने के लिए अपना श्रेष्ठ खेल दिखाना होगा. भारत के पदक जीतने की सम्भावनाओं पर भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के हाई परफारमेंस निदेशक राफेल बेगार्मास्को ने कहा, 'मैं अच्छे प्रदर्शन पर जोर देता हूं और इसी कारण मैं कभी पदक नहीं गिनता. अगर आप अच्छा खेलेंगे तो पदक आएंगे. मैंने सात पदकों का लक्ष्य रखा था और मुझे गर्व है कि मैंने यह लक्ष्य हासिल कर लिया.'

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