पूर्व भारतीय क्रिकेटर के. श्रीकांत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क के उस बयान को बकवास बताया है, जिसमें क्लार्क ने कहा था कि उनके देश के खिलाड़ी आईपीएल में खेलने के लिए भारतीय कप्तान विराट कोहली पर स्लेजिंग करने से डरते हैं और इसके बजाय उनकी चाटुकारिता भी करते थे.
क्लार्क का कहना था कि 2018-19 टेस्ट सीरीज के दौरान विराट कोहली के प्रति
कंगारू खिलाडियों ने नरमी बरती थी, जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट सीरीज
गंवा दी.
श्रीकांत ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम 'क्रिकेट कनेक्टेड' में कहा, 'सिर्फ स्लेजिंग से मैच नहीं जीते जाते. उनका (क्लार्क) का बयान हास्यास्पद था.'
श्रीकांत ने कहा, 'अगर आप नासिर हुसैन या सर विवियन रिचर्डस से पूछते हैं जोकि अनुभवी खिलाड़ी हैं, आप स्लेजिंग के माध्यम से कभी भी रन नहीं बना सकते हैं या विकेट नहीं ले सकते हैं. आपको अच्छा क्रिकेट खेलने और दृढ़ संकल्प दिखाने की जरूरत है. आपको लक्ष्य हासिल करने के लिए अच्छी गेंदबाजी और विकेट लेने की जरूरत है. स्लेजिंग मेरे हिसाब से किसी भी तरह से मदद नहीं कर सकती.'
अपनी कप्तानी में 2015 में ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप दिलाने वाले क्लार्क ने हाल में कहा था कि मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कोहली को 'स्लेज' करने से बहुत डरते थे क्योंकि उन्हें अपने आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट की चिंता थी.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कुछ यादगार बाइलेटरल मैच हुए हैं, लेकिन
क्लार्क का मानना है कि जब भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भारत का सामना करते
हैं, तो उनकी निगाहें हर साल अप्रैल-मई में होने वाले आईपीएल पर लगी रहती
हैं.
क्लार्क को लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के मैदान पर निर्ममतापूर्वक पेश आने के
चरित्र के साथ समझौता किया गया, क्योंकि आईपीएल नीलामी में शीर्ष दस ड्रॉ
में आने के बाद उन्हें लगा कि वे कोहली पर कभी छींटाकशी नहीं कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘दस खिलाड़ियों के नामों की सूची तैयार करो और वे इन
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को अपनी आईपीएल टीम में लेने के लिए बोली लगा रहे
होते हैं. खिलाड़ियों का व्यवहार ऐसा था, ‘मैं कोहली पर छींटाकशी नहीं कर
सकता, मैं चाहता हूं कि वह मुझे बेंगलुरु टीम से चुनें, ताकि मैं छह सप्ताह
में दस लाख डॉलर कमा पाऊं.’