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Kapil Dev Birthday Special: जब कोलकाता के दर्शक हुए 'बेकाबू', ईडन में गूंजा- वी वांट कपिल, गावस्कर गो बैक

aajtak.in
  • 06 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:04 AM IST
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'ऑलराउंडर' जो टेस्ट क्रिकेट में 400 से ज्यादा विकेट और 5000 से ज्यादा रन बनाने का असाधारण रिकॉर्ड रखता है, वो कप्तान जिसने भारत को पहली बार 1983 में वर्ल्ड कप चैम्पियन बनाया- आज 62 साल का हो गया. जी हां! दिग्गज ऑलराउंडर कपिल देव का जन्मदिन. आज ही के दिन (6 जनवरी) 1959 में कपिल देव रामलाल निखंज का चंडीगढ़ में जन्म हुआ था. 

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कपिल जैसा पहले कोई न था न आज है. स्विंग गेंदबाजी, बेहद चुस्त फील्डिंग और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने उन्हें दुनिया का बेहतरीन ऑलराउंडर और आक्रमक खिलाड़ी बनाया. पिछले साल अक्टूबर में कपिल देव को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी आपातकालीन कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की गई. कपिल की सफल सर्जरी के बाद चेतन शर्मा ने उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की थी. 
 

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कपिल देव अब पूरी तरह स्वस्थ हैं. उन्होंने 2021 के आगमन से एक दिन पहले अपने प्रशंसकों को वीडियो संदेश के जरिए नवर्ष की शुभकामनाएं दीं. इस वीडियो में वह गर्मजोशी के साथ कहते सुने जा सकते हैं- जो चला गया वो चला गया. नया साल आया... सबको इस नए साल की बहुत-बहुत शुभकानाएं.

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कपिल देव का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर (1978-1994) 16 साल का रहा. इस दौरान उन्होंने 131 टेस्ट मैच खेले. अगर उन्हें 1984-85 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच से 'ड्रॉप' नहीं किया गया होता तो उनका टेस्ट करियर लगातार 132 टेस्ट मैचों का होता. कपिल देव ने लगातार 66 टेस्ट खेले और इसके बाद उन्हें टीम से निकाल दिया गया. लेकिन एक टेस्ट बाद ही उनकी वापसी हुई और इसके बाद उन्होंने लगातार 65 टेस्ट खेले.
 

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1984 में 31 दिसंबर के दिन इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हुए कोलकाता टेस्ट में कपिल को नहीं रखा गया था, जिससे उनके प्रशंसक काफी नाराज हुए थे. कपिल को टीम से बाहर करने के लिए तत्कालीन कप्तान सुनील गावस्कर को इसका जिम्मेवार माना गया था.

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दरअसल, इंग्लैंड की टीम 1984/85 में भारत दौरे पर 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही थी. 'बंबई' में खेला गया पहला टेस्ट भारत ने जीता था. लेकिन इसके बाद भारत को दिल्ली टेस्ट गंवानी पड़ी. भारत की हार के लिए दूसरी पारी में कपिल देव की गैरजिम्मेदाराना बल्लेबाजी को जिम्मेवार ठहराया गया. 

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कपिल देव उस वक्त बल्लेबाजी करने आए थे, जब विकेट पर रुकने की जरूरत थी. वह इंग्लिश स्पिनर पैट पोकॉक को उड़ाने के चक्कर में लपके गए. उनकी आक्रामकता की ऐसी बानगी दिखी कि 6 गेंदों में 7 रनों की पारी में उन्होंने एक छक्का जड़ा था और 4 मिनट ही क्रीज पर बिता पाए थे.

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भारत की इस हार के बाद कपिल देव को अगले टेस्ट में नहीं चुना गया. कोलकाता टेस्ट में टीम इंडिया बिना कपिल देव के उतरी थी. ईडन गार्डन्स में मैच देखने आए उनके फैन्स इससे काफी नाराज हुए. कोलकाता के दर्शकों ने कप्तान गावस्कर की हूटिंग की. उनके खिलाफ नारेबाजी की- 'वी वांट कपिल गावस्कर गो बैक.' स्टेडियम की दीवारों पर लिखा मिला- 'नो कपिल नो टेस्ट.' 
 

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हालांकि 32 साल बाद सुनील गावस्कर ने इस मामले में यह कहते हुए अपनी चुप्पी तोड़ी थी कि कपिल देव को टीम से बाहर निकाले जाने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी. उन्होंने कहा कि कोई भी कप्तान अपने 'मैच विनर' खिलाड़ी को टीम से बाहर निकालने की मूर्खतापूर्ण सलाह नहीं दे सकता था. उन्होंने स्पष्ट किया कि कपिल देव को बाहर निकाले जाने का फैसला चयनकर्ताओं का था.

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आखिरकार कपिल देव की कोलकाता के बाद मद्रास टेस्ट में वापसी हुई. हालांकि भारत ने इंग्लैंड के हाथों वह सीरीज 1-2 से गंवा दी. कपिल देव की फिटनेस की भी प्रशंसा करनी पड़गी, इसके बाद उन्होंने संन्यास लेने तक लगातार 65 टेस्ट खेले. बॉलिंग, बैटिंग और फील्डिंग में महारत रखने वाला यह दिग्गज ऑलराउंडर औरों से अलग रहा. कपिल के नाम 131 टेस्ट मैचों में कुल 5248 रन और 434 विकेट हैं. वनडे में कपिल ने 225 मैचों में 3783 रन बनाए और 253 विकेट निकाले. 

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