पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने कहा है कि अगर कोविड-19 महामारी के कारण ऑस्ट्रेलिया में होने वाले ICC टी-20 वर्ल्ड कप को स्थगित कर उसकी जगह IPL का आयोजन किया जाता है तो सवाल उठेंगे.
ICC ने हालांकि ऑस्ट्रेलिया में 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के भविष्य को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं किया है. इंजमाम ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘इस तरह की अटकलें है कि वर्ल्ड कप की तारीखें IPL और भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के साथ टकरा रही हैं. इसलिए इसका (टी-20 वर्ल्ड कप) आयोजन नहीं होगा.’
इंजमाम ने कहा, ‘भारतीय बोर्ड मजबूत है और ICC में उसका नियंत्रण है. अगर ऑस्ट्रेलिया कहता है कि कोविड-19 महामारी के कारण हम वर्ल्ड कप का आयोजन नहीं कर सकते तो उनके रुख को आसानी से स्वीकार कर लिया जाएगा, लेकिन अगर उसी समय इस तरह की कोई प्रतियोगिता होती है तो सवाल उठेंगे.’
पाकिस्तान के लिए 120 टेस्ट में 8,830 रन और 378 वनडे मैचों में 11,739 रन बनाने वाले इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘लोग सोचेंगे कि अगर देश 12 से 14 टीमों (16 टीमों) की मेजबानी कर सकता है तो फिर आईसीसी टीमों की देखभाल क्यों नहीं कर सकता, आखिर ऑस्ट्रेलिया इतना आधुनिक देश है.’
इंजमाम ने कहा, ‘एक अन्य चीज यह है कि ICC को निजी लीग (IPL) को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए. इससे युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मैचों की जगह निजी लीग में खेलने को बाध्य होंगे.’ पाकिस्तान के इस पूर्व कोच ने हालांकि स्वीकार किया कि टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान 16 टीमों की मेजबानी आसान नहीं होगी.
इंजमाम ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया कह सकता है इस बड़ी प्रतियोगिता के लिए 18 टीमों (16 टीमों) की मेजबानी मुश्किल होगी क्योंकि यह आसान नहीं होगा. इसी तरह पाकिस्तान की टीम इंग्लैंड में होटल में है और वहां सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, इसलिए 18 टीमों (16 टीमों) को रखना आसान नहीं होगा.’
एशिया कप का भविष्य भी एक मुद्दा है जिसका आयोजन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) सुरक्षा कारणों से तटस्थ देश में कर रहा है. इस टूर्नामेंट का आयोजन सितंबर में होना था, लेकिन अभी इसके भविष्य को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है.
इंजमाम ने कहा, ‘मैंने सुना है कि एशिया कप की तारीखों को लेकर भी आपत्ति जताई जा रही है, क्योंकि इसकी तारीखें किसी अन्य प्रतियोगिता से टकरा रही हैं.’ उन्होंने कहा, ‘आईसीसी, एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) और सभी क्रिकेट बोर्ड को एक साथ बैठकर मजबूत संदेश देना चाहिए कि ऐसी कोई छवि (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर निजी लीग को प्राथमिकता देना) पेश नहीं की जाएगी.’