धीमी पिच पर रोहित को संघर्ष करना पड़ा
बल्लेबाजी का न्योता पाने वाले भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही. भारतीय टीम धीमी पिच पर 19वें ओवर में तीन विकेट पर 80 रन के स्कोर पर जूझ रही थी. रोहित शर्मा (56 गेंदों पर 36) को भी धीमी पिच पर संघर्ष करना पड़ा. कप्तान कोहली (4) पिच को समझ पाते, उससे पहले ही गेंद उनका उनका विकेट ले गई.
अय्यर-पंत ने संभाला, लेकिन हवा में शॉट खेले
...लेकिन नंबर चार पर अपनी जगह स्थापित करने में लगे श्रेयस अय्यर (88 गेंदों पर 70) और ऋषभ पंत (69 गेंदों पर 71) ने चौथे विकेट के लिए 114 रनों की साझेदारी जरूर की, लेकिन शुरू में संभलकर खेलने के बाद उन्होंने हवा में शॉट खेलने से भी परहेज नहीं किया.
पांचवें मुख्य गेंदबाज की कमी खली
पिच धीमी थी, लेकिन भारतीय गेंदबाज इसका फायदा नहीं उठा पाए. भारत चार मुख्य गेंदबाजों के साथ उतरा था और उसे पांचवें गेंदबाज की कमी खली. शिवम दुबे (7.5 ओवर में 68 रन) और केदार जाधव (एक ओवर में 11 रन) जिम्मेदारी बखूबी नहीं निभा पाए. इसके अलावा मोहम्मद शमी (9 ओवरों में 57 रन देकर एक विकेट) भी कुछ ज्यादा नहीं कर पाए
जडेजा प्रभावी नहीं रहे, कुलदीप अकेले क्या करते..?
बाएं हाथ के अनुभवी स्पिनर रवींद्र जडेजा (10 ओवरों में 58 रन) भी प्रभावी नहीं रहे. चाइनामैन कुलदीप यादव को विरोधी बल्लेबाजों (10 ओवरों में 45 रन) को बांधने में दूसरी तरफ से साथ नहीं मिला. कुलदीप-चहल की जोड़ी मैदान पर होती, तो शायद मैच की तस्वीर कुछ और हो सकती थी.
हेटमेयर-होप को संभाल नहीं पाई विराट ब्रिगेड
शाई होप जहां सारथी की भूमिका में उतरे वहीं हेटमेयर ने रन बनाने का जिम्मा उठाया. हेटमेयर जब 106 रन पर थे तब अय्यर ने उनका आसान कैच छोड़ा... लेकिन तब तक विंडीज के इस धुरंधर ने अपना काम कर दिया था.