नाक से निकलता रहा खून लेकिन मैट पर डटे रहे अमन सहरावत, आसान नहीं रही ओलंपिक मेडल की जर्नी

पेरिस ओलंपिक में बॉन्ज मेडल मैच के दौरान अमन चोटिल हो गए थे. इसके बावजूद अमन मैट पर डटे रहे और भारत की झोली में एक और मेडल डालने में कामयाब रहे. वहीं प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज मैच के दौरान अमन की दांव के आगे जल्दी थक गए.

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अमन सहरावत ने जीता बॉन्ज मेडल. अमन सहरावत ने जीता बॉन्ज मेडल.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:08 AM IST

पेरिस ओलंपिक में भारतीय रेसलर अमन सहरावत ने 57 किलो फ्री स्टाइल कैटेगरी में बॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है. ये ओलंपिक में उनका पहला मेडल है. इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक में भारत के कुल 6 मेडल हो गए हैं. अमन ने बॉन्ज मेडल मुकाबले में प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 से शिकस्त दी. इसके साथ ही अमन ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतने वाले सातवें भारतीय रेसलर बन गए हैं. हालांकि अमन की मेडल जीतने की ये जर्नी आसान नहीं रही. 

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दरअसल, बॉन्ज मेडल मैच के दौरान अमन चोटिल हो गए थे. मैच के दौरान उनके नाक के उपर से खून निकनले लगा. इसके बावजूद अमन मैट पर डटे रहे और भारत की झोली में एक और मेडल डालने में कामयाब रहे. अमन नाक में लगी चोट के साथ खेलते रहे. उन्होंने रेफरी से रेस्ट के लिए भी समय नहीं मांगा. 

वहीं दूसरी ओर प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज मैच के दौरान अमन की दांव के आगे जल्दी थक गए. बाद उन्होंने चोट बताकर दो बार ब्रेक भी लिया. लेकिन, अमन के आगे उनकी एक नहीं चली और वो ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला जीतने में कामयाब रहे. 

आसान नहीं रही जर्नी

अमन के ओलंपिक में पहुंचने की जर्नी आसान नहीं रही. 21 साल के अमन हरियाणा के झज्जर से आते हैं. अमन जब 10 साल के थे तब उनकी मां का हार्टअटैक से निधन हो गया था. इसके एक साल बाद ही उनके पिता भी गुजर गए. उनके दादा ने उनकी देखभाल की और रेसलिंग तक पहुंचने में मदद की. बाद में उन्होंने रेसलर रवि दहिया को अपना आइडल माना और अखाड़े में पसीना बहाते रहे. कमाल की बात ये रही कि अमन ने पेरिस ओलंपिक में क्वालिफाई करने के लिए टोक्यो ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट और अपने आदर्श रवि दहिया को ही हरा कर किया था. 

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सेमीफाइनल में हार गए थे अमन 

अमन सहरावत को सेमीफाइनल मैच में जापान री हिगुची के हाथों 0-10 से हार का सामना करना पड़ा था. अमन सेमीफाइनल मैच में पहली वरीयता प्राप्त जापानी रेसलर के खिलाफ कुछ खास नहीं कर पाए और मुकाबला सिर्फ 2 मिनट 14 सेकंड तक चला. री हिगुची टेक्निकल सुपीरियरिटी के आधार पर जीत गए.

अमन का रेसलिंग में सफर 

अमन 2021 में अपना पहला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खिताब जीता. बाद में वो साल 2022 में हुए एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब रहे. फिर अमन ने साल 2023 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया. फिर जनवरी 2024 में उन्होंने जागरेब ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता. अमन पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले देश के एकमात्र पुरुष पहलवान थे.

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