क्रिकेट के खुमार से इतर पिछले कुछ दिनों में भारतीय खेल में एक अहम घटना घटी है. जिसने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. ओलंपिक का आयोजन करना भारत के लिए अभी तक एक सपना रहा है, लेकिन इस सपने को साकार करने की तरफ एक कदम बढ़ा दिया गया है. साल 2023 में होने वाले ओलंपिक कमेटी के सेशन का आयोजन भारत के मुंबई में होगा.
करीब 40 साल बाद ऐसा मौका आया है, जब भारत को इसकी मेजबानी मिली है. ऐसे में इसका क्या मायने हैं, एक ओलंपिक कमेटी का सेशन किस तरह काम करता है, इसे समझने की कोशिश करते हैं.
ओलंपिक कमेटी सेशन को लेकर क्या फैसला हुआ है?
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (IOC) की सदस्य और भारतीय डेलिगेशन का प्रतिनिधित्व कर रहीं नीता अंबानी द्वारा एक प्रेजेंटेशन दी गई. इस प्रतिनिधिमंडल में भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा शामिल थे.
भारत द्वारा जो प्रेजेंटेशन दी गई, उसके बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने भारत की बिड को मंजूरी दी. इसी आधार पर साल 2023 में होने वाले अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के सेशन के आयोजन की जिम्मेदारी मुंबई को मिल गई है. मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में इस सत्र का आयोजन किया जाएगा. ये IOC का 140वां सेशन होगा.
कैसे हुआ भारत की मेजबानी का फैसला?
आईओसी के 139वें सेशन में भारत की ओर से प्रेंजटेशन दी गई. जिसमें मुंबई में अगली बैठक को आयोजित करने का प्रस्ताव था, इसके बाद इस मसले पर वोटिंग की गई. जिसमें 76 वैध वोटों में से 75 भारत के पक्ष में पड़े थे. अब यह तय हो गया है कि मई-जून 2023 में होने वाली बैठक का आयोजन मुंबई में किया जाएगा.
ये यात्रा इतनी आसान नहीं रही है क्योंकि साल 2019 में ही इस कमिशन द्वारा भारत का दौरा किया गया था. जिसमें मुंबई में उस स्थल को जांचा गया और देखा गया कि क्या वह इस तरह की बैठक को आयोजित करने का माद्दा रखता है या नहीं. कमिशन के रिव्यू के बाद ही इस तरह का फैसला लिया गया है.
ओलंपिक कमेटी के सेशन में क्या होता है?
इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी में कुल 106 स्थायी सदस्य हैं, इनमें से एक नीता अंबानी भी हैं, जो भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं. इस कमेटी के ऊपर ओलंपिक खेलों से जुड़े सभी आयोजन की रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी होती है. जिसमें ओलंपिक, विंटर ओलंपिक, यूथ ओलंपिक, पैरालंपिक समेत अन्य सभी टूर्नामेंट शामिल हैं.
खेलों का आयोजन कब होगा, कहां होगा, किस साल में कब किसे मौका मिलेगा. कौन कमेटी का सदस्य बनेगा, किसे अध्यक्षता मिलेगी, किसे मानक सदस्यता मिलेगी तमाम अन्य जितने भी मसले हैं उन सभी का फैसला यही कमेटी करती है. ऐसे में यहां होने वाली प्रेंजटेशन, वोटिंग और चर्चा का स्पोर्ट्स वर्ल्ड पर काफी असर पड़ता है.
भारत में सेशन होने से क्या फायदा होगा?
भारत अभी तक किसी भी ओलंपिक का आयोजन नहीं कर पाया है. स्पोर्ट्स वर्ल्ड में अपना दबदबा बनाने के लिए सबसे बड़ी परीक्षा यही है. मुंबई में ओलंपिक कमेटी के सेशन का आयोजन होना इस ओर एक बड़ा और अहम कदम है. ये काफी दूर की सोच है, लेकिन अगर ओलंपिक सेशन का बेहतर आयोजन होता है तो इस ओर विचार किया जा सकता है.
क्योंकि इस तरह के सेशन के आयोजन के बाद भारत के पास पहले यूथ ओलंपिक और उसके बाद ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (मेन इवेंट) को लेकर बिड करने का एक मौका होगा. आने वाले कई साल तक के ओलंपिक कहां होंगे, ये तय हो चुका है. लेकिन साल 2036 के बाद भारत के लिए खिड़की खुलती है.
अगर आप अपने देश में पहली बार ओलंपिक का आयोजन करवाना चाहते हैं, तो उसकी तैयारी के लिए इतना वक्त लग ही सकता है. भारत में मुंबई और अहमदाबाद दो ऐसे शहर हैं, जिनमें ओलंपिक के आयोजन की तैयारी की जा सकती है. क्योंकि यहां खेल के अलावा अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जा सकती है.
भारत को मेजबानी मिलने पर किसने क्या कहा?
भारत जैसे विकासशील देश को इस बड़े इवेंट की मेजबानी मिलना एक बड़ी घटना है. इस मौके पर आईओसी के अध्यक्ष थोमस बैक ने बयान दिया कि हमने भारत का चयन इसलिए किया क्योंकि यह दुनिया में दूसरा सबसे आबादी वाला देश है, साथ ही भारत की बड़ी जनसंख्या युवा है. ऐसे में भविष्य को ध्यान में रखते हुए ये फैसला काफी अहम है.
इस मौके पर नीता अंबानी ने कहा कि हमें ओलंपिक परिवार के स्वागत का अवसर मिला है, हमने लगातार इस ओर कदम बढ़ाए हैं और भारत को मजबूत करने की कोशिश की है. हमारी ओर से देशभर में युवाओं के लिए अलग-अलग स्तर पर स्पोर्ट्स इवेंट करने का आयोजन करने की तैयारी है. हमें लगता है कि ये हमारी ओर से एक सिर्फ नई शुरुआत है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर ट्वीट कर देशवासियों को बधाई दी. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि यह जानकर खुशी हो रही है कि भारत को 2023 अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति सत्र की मेजबानी के लिए चुना गया है. मुझे विश्वास है कि यह एक यादगार आईओसी सत्र होगा और इससे खेलों की दुनिया के लिए सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.
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