टोक्यो में चल रही बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप में एक ऐसा मैच देखने को मिला, जिसे देख फैन्स ने दांतों तले उंगलियां दबा ली होंगी. यह मैच डबल्स में खेला गया, जिसमें 33 साल के बेटे मीसा के साथ उसकी 64 साल की मां स्वेतलाना ही मैच खेलने के लिए उतर गईं.
इतना ही नहीं, इस जोड़ी ने अपना पहला मैच भी शानदार अंदाज में जीता. इजराइल के लिए खेलते हुए मां-बेटे की जोड़ी ने मिश्र के अदम हतेम और दोहा के हेनी की जोड़ी को 16-21, 21-18, 21-11 से शिकस्त दी. इस मैच को जीतने के साथ ही स्वेतलाना ने एक बड़ा रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है.
दरअसल, स्वेतलाना इस चैम्पियनशिप में मैच जीतने वाली सबसे उम्रदराज प्लेयर बन गई हैं. वैसे बता दें कि एक बार चैम्पियनशिप में 65 साल के अमेरिकी बैडमिंटन स्टार मैथ्यू फोगर्टी भी मैच में उतर चुके हैं. वह मिक्स्ड डबल्स में उतरे थे. मगर बीच में ही उन्हें चोट के कारण रिटायर होना पड़ा था. इस तरह अब स्वेतलाना ही मैच जीतने वाली उम्रदराज प्लेयर बनी हैं.
इस वजह से बेटे के साथ मैच में उतरीं स्वेतलाना
स्वेतलाना अपने बेटे के साथ इस मैच में क्यों उतरीं? इसके पीछे भी एक अलग ही कहानी है. जीत के बाद स्वेतलाना ने खुद इसका खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि डबल्स के लिए उनके बेटे मीसा को कोई पार्टनर नहीं मिल रहा था. इसी वजह से वह खुद कोर्ट में उतर गईं.
बता दें कि स्वेतलाना अपने बेटे की कोच भी हैं और उन्हें रोज करीब 4 घंटे से ज्यादा प्रैक्टिस भी कराती हैं. उन्होंने कहा कि वह अगले टूर्नामेंट में भी मैच खेलती दिखाई देंगी. उनका सपना बेटे के साथ ओलंपिक खेलना है. बेलारूस में जन्मीं स्वेतलाना अपने जमाने की स्टार बैटमिंटन प्लेयर रही हैं. उन्होंने 1986 की यूरोपियन चैम्पियनशिप में वुमन सिंगल्स कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
इससे पहले 2009 में चैम्पियनशिप में उतरी थी मां-बेटे की जोड़ी
बता दें कि वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में यह पहली बार नहीं है, जब इन दोनों मां-बेटे की जोड़ी में धमाल मचाया हो. इससे पहले 2009 में भी मां स्वेतलाना और बेटे मीसा की जोड़ी मैच में धमाल मचा चुकी है. तब वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप भारत की मेजबानी में हैदराबाद में हुई थी. इस वक्त मीसा की उम्र 20 और मां स्वेतलाना की उम्र 51 साल थी.
aajtak.in