'चुप रहो, सिर नीचे करो...', भारत की स्टार महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन के आरोपों से मची सनसनी, अब IOA लेगा एक्शन

मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) के कार्यकारी निदेशक कर्नल अरुण मलिक पर लैंगिक भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं.

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लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य जीता था. (Getty) लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य जीता था. (Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST

टोक्यो ओलंपिक में भारत को कांस्य पदक दिलाने वाली मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) के कार्यकारी निदेशक कर्नल अरुण मलिक पर लैंगिक भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं. मामले की जांच भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा गठित पैनल कर रहा है और जल्द ही इस पर रिपोर्ट सौंपी जाएगी, यह जानकारी भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के एक अधिकारी ने दी.

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लवलीना ने अपनी शिकायत सीधे खेल मंत्री मनसुख मांडविया, SAI के महानिदेशक, TOPS (Target Olympic Podium Scheme), IOA और BFI को भेजी. शिकायत के मुताबिक, 8 जुलाई को एक जूम बैठक में कर्नल मलिक ने न केवल अपमानजनक लहजे में बात की, बल्कि उनकी उपलब्धियों को भी कमतर बताने की कोशिश की.

'ये सिर्फ मेरा नहीं, हर महिला खिलाड़ी का अपमान था'

बैठक में लवलीना ने आग्रह किया था कि उनके निजी कोच को राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने और विदेश में ट्रेनिंग के लिए साथ ले जाने की अनुमति दी जाए. यह मांग BFI की नीति के विरुद्ध थी, जिसे मलिक ने सख्ती से खारिज किया.

लवलीना के मुताबिक, मलिक का लहजा न सिर्फ अपमानजनक था, बल्कि उसमें सत्तावादी सोच और लैंगिक भेदभाव की स्पष्ट झलक थी. उन्होंने मुझसे कहा, 'चुप रहो, सिर नीचे करो और जैसा कहा जा रहा है, वैसा करो. उनके शब्द सिर्फ मेरे आत्मसम्मान पर नहीं, हर उस महिला खिलाड़ी की गरिमा पर हमला थे जो खेल में बराबरी का सपना देखती है.मुझे ऐसा महसूस कराया गया जैसे मेरी कोई आवाज ही नहीं है, जैसे मैं शक्तिहीन हूं.

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कर्नल अरुण मलिक का इनकार- आरोप निराधार हैं

कर्नल अरुण मलिक ने लवलीना के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उनकी मांगों को सम्मानपूर्वक अस्वीकार किया गया क्योंकि वे BFI की नीतियों के अनुरूप नहीं थीं. उन्होंने स्पष्ट किया कि जनवरी 2025 में प्रकाशित BFI की चयन नीति के अनुसार, 'राष्ट्रीय कोचिंग शिविर में भाग लेना सभी खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य है, और निजी प्रशिक्षकों को शिविर में शामिल करने की अनुमति नहीं दी जाती, ताकि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता बनी रहे.'

IOA ने गठित की जांच समिति, रिपोर्ट में हो सकती हैं अहम सिफारिशें

IOA ने इस शिकायत पर गंभीरता से कदम उठाते हुए एक जांच पैनल बनाया है, जिसमें शामिल हैं- TOPS के CEO एनएस जोहल, IOA खिलाड़ी आयोग के  उपाध्यक्ष शरत कमल और एक वरिष्ठ महिला अधिवक्ता.

हालांकि समिति को दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन सदस्यों की व्यस्तता के कारण अब तक बैठक नहीं हो पाई है. समिति के एक सदस्य ने बताया, 'पूरी बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग हमारे पास है, इसलिए जांच प्रक्रिया जटिल नहीं होगी. बैठक जल्द बुलाई जाएगी.'

इस बीच कर्नल मलिक ने भी प्रक्रिया में तेजी लाने और वीडियो रिकॉर्डिंग उन्हें उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.

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लवलीना की चुप्पी- फिलहाल खेल पर ध्यान देना चाहती हूं

विवाद को लेकर  मुक्केबाज लवलीना फिलहाल कोई बयान देने के मूड में नहीं हैं. उनका कहना है- 'मैं अभी इस विवाद पर ध्यान नहीं देना चाहती, क्योंकि इससे मेरे खेल पर असर पड़ेगा. जब तक समिति कोई निर्णय नहीं ले लेती, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी.'
 

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