फुटबॉल यानी बॉल के साथ खेले जाने वाला एक टीम गेम है. एक मैच बड़े से स्टेडियम खेला जाता है, जिसके दोनों और एक-एक गोलपोस्ट होता है. मैदान को दो हिस्सों में बांटा जाता है. दो गोल पोस्ट होते हैं, जिन्हें दोनों टीमों में बांटा जाता है.
यहां तक तो ठीक है, लेकिन आप सोच रहे होंगे कि मैदान कितना बड़ा और किस तरह से दो हिस्सों में बांटा जाता है, इसका भी कोई नियम होगा? आपको बता दें कि नियम तो नहीं, लेकिन स्टेडियम किस क्षेत्रफल में बनाया जाए, इसके कुछ मानक जरूर हैं.
इस तरह मैदान को डिजाइन किया जाता है
आमतौर पर फुटबॉल मैदान 100 मीटर, 64 से 110 मीटर, 75 मीटर तक का आयताकार आकार का होता है. ठीक बीच में एक लाइन होती है, जिससे मैदान को दो हाफ में बांटा जाता है. ठीक बीच के बिंदू से लेकर एक 9.15 मीटर (10 यार्ड) का गोल घेरा बनाया जाता है, जिसे सेंटर सर्कल कहते हैं.
मैदान की लम्बाई को 'साइड लाइन' और चौड़ाई को 'गोल लाइन' कहते हैं. मैदान के दोनों सिरों पर 7.32 मीटर (8 यार्ड) के चौड़े गोल एरिया होते हैं, जिनके दोनों तरफ 18.18 यार्ड का आयताकार पेनल्टी एरिया भी बनाया जाता है. बता दें कि 1 यार्ड 91 मीटर के बराबर होता है.
एक नजर में ग्राउंड का साइज
इंटरनेशनल मैचों में मैदान की लंबाई 100-110 मीटर (110-120 यार्ड) होती है. चौड़ाई 64-75 मीटर (70-80 यार्ड) होती है.
गैर अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए मैदान की लम्बाई 91-120 मीटर लंबाई और चौड़ाई 45-91 मीटर रखी जाती है.
गोल पोस्ट के अंदर की गहराई 2.44 मीटर होती है.
नियमानुसार गोल पोस्ट में जाल लगाना अनिवार्य नहीं है, फिर भी लगाया जाता है.
पेनल्टी एरिया गोल से 16.5 मीटर की दूरी पर होता है. इतनी ही दूरी दोनों गोलपोस्ट और पेनल्टी एरिया के बीच होती है.
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