भारतीय शटलर लक्ष्य सेन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है. शनिवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में लक्ष्य ने गत चैम्पियन मलेशिया के ली जि जिया को 21-13, 12-21, 21-19 से मात दी. फाइनल में लक्ष्य का सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन से होगा.
अब लक्ष्य के पास फाइनल मुकाबला जीतकर इतिहास रचने का सुनहरा मौका है. भारत के लिए प्रकाश पादुकोण (1980) और पुलेला गोपीचंद (2001) के अलावा यहां कोई खिताब नहीं जीत सका है. दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना नेहवाल 2015 में यहां उपविजेता रही थीं. वहीं प्रकाश नाथ 1947 में आयोजित इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे थे.
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मे लक्ष्य को बैडमिंटन विरासत में मिला है. उनके दादा सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का भीष्म पितामह कहा जाता है. लक्ष्य के पिता डीके सेन नेशनल लेवल पर बैडमिंटन खेल चुके हैं और राष्ट्रीय स्तर के कोच भी हैं. डीके सेन वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
लक्ष्य सेन के भाई चिराग सेन भी इंटरनेशनल लेवल पर बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं. अपने बेटे को बैडमिंटन की अच्छी ट्रेनिंग देने के लिए डीके सेन अल्मोड़ा छोड़ बेंगलुरु में बस गए थे. बेंगलुरु में लक्ष्य सेन ने प्रकाश पादुकोण एकेडमी में दाखिला लिया था, जहां उन्होंने ट्रायल के दौरान अपनी प्रतिभा से प्रकाश पादुकोण को हैरत में डाल दिया था.
लक्ष्य की मेहनत रंग लाई और उन्होंने बहुत ही कम उम्र में ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ना शुरू कर दिया था. सेन ने 2016 के जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत अपना लोहा मनवाया था. फिर साल 2018 में उन्होंने इसी टूर्नामेंट में पीला तमगा हासिल किया.
सीनियर लेवल पर लक्ष्य सेन को सबसे बड़ी कामयाबी पिछले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में मिली. हुलेवा में आयोजित हुए उस टूर्नामेंट में लक्ष्य ने कांस्य पदक जीता था. भारतीय पुरुष खिलाड़ियों में लक्ष्य के अलावा प्रकाश पादुकोण और किदांबी श्रीकांत ही वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक जीतने में सफल रहे हैं.
लक्ष्य सेन ने इस साल जनवरी में इंडिया ओपन के जरिए अपना पहला सुपर 500 खिताब जीता था. तब दिल्ली में आयोजित टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में लक्ष्य ने सिंगापुर के लोह कीन येव को मात दी थी. अब ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतकर लक्ष्य सेन एक स्वर्णिम उपलब्धि हासिल कर सकते हैं.
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