बलबीर सिंह सीनियर के निधन पर विराट कोहली ने जताया दुख, ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर का 96 वर्ष की उम्र में मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में सोमवार की सुबह निधन हो गया.

Advertisement
Balbir Singh Sr Balbir Singh Sr

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2020,
  • अपडेटेड 12:45 PM IST

भारतीय हॉकी के स्वर्णिम दौर के सबसे मजबूत स्तंभों में से रहे बलबीर सिंह सीनियर का हॉकी के लिए प्यार उम्र के आखिरी पड़ाव तक जस का तस रहा और उनकी एकमात्र आखिरी इच्छा भारतीय टीम को ओलंपिक में नई ऊंचाइयां छूते देखने की थी. तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर का 96 वर्ष की उम्र में मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में सोमवार की सुबह निधन हो गया.

Advertisement

चंडीगढ़ में उनके घर में प्रवेश करते ही दीवारों पर सजे उनके प्रशस्ति पत्र, शेल्फ में रखी ट्रॉफियां और उस दौर की दास्तां कहती तस्वीरें उनकी उपलब्धियों और भारतीय हॉकी में उनके कद की गाथा स्वत: ही कह देती हैं.

बलबीर सिंह सीनियर के निधन पर विराट कोहली ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'बलबीर सिंह सीनियर के निधन के बारे में सुनकर काफी दुखी हूं. इस शोक के समय में मेरे विचार और प्रार्थनाएं उनके परिवार के साथ है.'

लंदन ओलंपिक (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) में स्वर्ण जीतने वाले बलबीर सीनियर 1975 में एकमात्र विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर थे.

हेलसिंकी (1952) में उद्घाटन समारोह में भारतीय टीम के ध्वजवाहक रहे बलबीर ने सेमीफाइनल में ब्रिटेन के खिलाफ हैट्रिक लगाई और फाइनल में नीदरलैंड पर 6-1 से मिली जीत में पांच गोल दागे. वह रिकॉर्ड आज भी कायम है. हेलसिंकी ओलंपिक में बलबीर सीनियर ने भारत के 13 गोल में से नौ गोल दागे.

Advertisement

चार साल बाद मेलबर्न में वह टीम के कप्तान थे और पहले मैच में पांच गोल दागने के बाद घायल हो गए थे. सेमीफाइनल और फाइनल उन्होंने खेला जब पाकिस्तान को एक गोल से लगातार भारत ने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगाई. भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम का शायद ही कोई ऐसा मैच हो जो उन्होंने नहीं देखा हो.

नहीं रहे हॉकी लीजेंड बलबीर सिंह सीनियर, 96 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

समय समय पर वह खिलाड़ियों को मार्गदर्शन भी देते आए हैं. उन्हें यकीन था कि रियो में नाकामी के बाद भारत टोक्यो ओलंपिक में जरूर पदक हासिल करेगा, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण ओलंपिक एक साल के लिए टल गए. बीजिंग ओलंपिक 2008 में भारतीय टीम के क्वालिफाई नहीं कर पाने ने उन्हें आहत कर दिया था.

इसके चार साल बाद लंदन ओलंपिक के दौरान आधुनिक ओलंपिक के 16 महानतम खिलाड़ियों में उन्हें चुना गया और सम्मानित किया गया, लेकिन तब भी भारतीय टीम के ओलंपिक में 12वें और आखिरी स्थान पर रहने का दुख उनके चेहरे पर झलक रहा था.

भारतीय टीम जब 1975 में कुआलालम्पुर में विश्व कप खेलने की तैयारी कर रही थी तब टीम मैनजर रहे बलबीर सीनियर ने अभ्यास शिविर के दौरान डोरमेट्री के दरवाजे पर सुर्ख लाल रंग से लिखवा दिया था,‘विश्व हॉकी की बादशाहत फिर हासिल करना ही हमारा मकसद है.’ भारतीय टीम ने कुआलालम्पुर विश्व कप में वही कर दिखाया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement