10 साल की उम्र में भी वैभव सूर्यवंशी जड़ते थे 90 मीटर के छक्के, हर द‍िन खेलीं 400 गेंदें... कोच ने बताई कहानी

वैभव सूर्यवंशी के बचपन के कोच मनीष ओझा ने बताया 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी की छक्के मारने की क्षमता के बारे में बताया. राजस्थान रॉयल्स के सलामी बल्लेबाज ने सोमवार को जयपुर में आईपीएल इतिहास में किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज शतक बनाने के लिए 11 छक्के लगाए.

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Vaibhav Suryavanshi (AP) Vaibhav Suryavanshi (AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 29 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने 28 अप्रैल को आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक जड़कर सवाई मानसिंह स्टेडियम में इत‍िहास रचा. उनके इस शतक से राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल प्लेऑफ पहुंचने की नई संजीवनी प्रदान की. वहीं उनके इस शतक से उनके बचपन के कोच मनीष ओझा भी बेहद खुश नजर आए. मनीष झा ने  कहा कि वैभव को ट्रेनिंग देने के दौरान उन्हें कभी भी गुस्सा होने की आवश्यकता नहीं पड़ी. 

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ओझा ने कहा- मुझे उसे स‍िखाते हुए कभी भी डांटने की जरूरत नहीं पड़ी.  अगर मैंने कभी कोई शॉट दिखाया या कोई तकनीक बताई, तो मुझे उसे कभी दोहराना नहीं पड़ा. वह तुरंत उसे समझ लेता था. वह चीजें अच्छी तरह सीखता है. इस दौरान ओझा ने वैभव की शुरुआती ट्रेन‍िंंग से जुड़ी कई चीजें शेयर कीं.  

सोमवार को वैभव टी20 शतक बनाने वाले सबसे युवा पुरुष क्रिकेटर बन गए. उन्होंने अपना शतक महज 35 गेंदों में पूरा किया. उन्होंने मुकाबले में गेंदबाज़ों के ख‍िलाफ 11 छक्के और सात चौके लगाए थे. इन 11 छक्कों में से तीन 85 मीटर से ज्यादा और दो 90 मीटर से ज्यादा की दूरी से आए. इनमें से कुछ तो सवाई मानसिंह स्टेडियम के स्टैंड की छत पर भी गिरे. 

वैभव की 38 गेंदों पर खेली गई 101 रनों की तूफानी पारी की बदौलत राजस्थान रॉयल्स ने 210 रनों का टारगेट महज 15.5 ओवर में हासिल कर लिया. उन्होंने एक ऐसी पारी खेली, जिसने क्रिकेट जगत को आश्चर्यचकित कर दिया. 

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ओझा ने बताया कि उन्होंने वैभव की 90 मीटर की दूरी पर छक्के मारने की क्षमता को काफी पहले ही देख लिया था. ओझा की पहली मुलाकात वैभव से 2018 में हुई थी, जब उनके पिता लगातार उनसे मिलने की कोशिश कर रहे थे. 

ओझा ने उस पल को याद करते हुए बताया- मैंने उसे पहली बार 2018 के आसपास देखा था. वह अपने पिता के साथ ट्रेन‍िंग के लिए आया था. पहले दिन मैं अकादमी में नहीं था, इसलिए हम नहीं मिले. लेकिन लगभग एक सप्ताह बाद उन्होंने मुझे ढूंढा. मेरा नंबर लिया, मुझसे संपर्क किया और फिर हम आखिरकार मिले. 

ओझा ने कहा- साढ़े दस साल की उम्र में भी वैभव की क्षमता को अनदेखा नहीं किया जा सकता था. 2022 में ओझा के कोचिंग सेंटर में आयोजित एक विशेष मैच ने उनके इस विश्वास को और पुख्ता कर दिया कि वह कुछ असाधारण देख रहे हैं.

ओझा ने बताया- मैंने 2022 में अपनी अकादमी में एक मैच आयोजित किया थ. मेरी अकादमी के खिलाड़ियों ने कई राज्य स्तरीय अंडर-19 खिलाड़ियों वाली टीम के खिलाफ खेला. वैभव ने उस मैच में 118 रन बनाए.  उसने जो छक्के लगाए - जैसे कि लोग अब देखते हैं - वह उन बाउंड्रीज पर लगा रहा था जो 60-65 गज की सीमा रेखा से 20-30 गज आगे थीं. ताकत, टाइमिंग, सटीकता - सब कुछ असाधारण था. उस पल से, हम जान गए कि यह लड़का असाधारण है. 

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ऐसे होती थी वैभव की ट्रेन‍िंग...
वैभव की रोजाना की ट्रेनिंग बहुत ही कड़ी थी_ कभी-कभी, उनके पिता अतिरिक्त टिफिन पैक करके नेट बॉलर्स को खिला देते थे , जो उनके बेटे को गेंदबाजी करते थे. ओझा ने बताया- शुरुआती दौर से ही वह एक दिन में 350-400 गेंदें खेलता था. बेसिक अभ्यास जैसे फ्रंट-फुट ड्राइव, लॉफ्टेड शॉट, स्टेप-आउट ड्राइव, कट शॉट, पुल शॉट-ये सब. फिर खास टारगेट के साथ रोबोट थ्रोडाउन, लाइव बॉलिंग, फील्ड प्लेसमेंट चैलेंज-ये सब नियमित था. 

मैच से पहले हुई थी कोच से बात 
मनीष ओझा ने बताया- मेरी कल सुबह करीब 10:30 बजे उससे बात हुई थी. ओझा ने देखा कि पिछले मैच में वैभव थोड़ा जल्दबाजी में दिखे, हर गेंद पर वार कर रहे थे. मैंने उससे कहा- वैभव तुम ऐसे खिलाड़ी हो जिसके लिए यह मायने नहीं रखता कि पावरप्ले है या नहीं - जब भी तुम हिट करोगे, गेंद मैदान से बाहर जाएगी, इसलिए घबराओ मत, मैंने उससे कहा कि धैर्य रखो, गेंद को मैर‍िट के आधार पर खेलो, और अपनी स्वाभाविक हिटिंग क्षमता पर भरोसा रखो. 

मनीष झा ने इस दौरान वैभव को यशस्वी जायसवाल को देखने और उनसे सीखने की भी सलाह दी, विशेषकर यह देखने की कि कैसे जायसवाल गेंदबाजों को उलझन में डालने के लिए अपने फुटवर्क में वैराइटी लाते हैं. 

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मैंने उनसे कहा- जायसवाल से सीखो- कैसे वह अपने फुटवर्क को ढालता है और जब कोई ढीली गेंद नहीं होती तो स्ट्राइक रोटेट करता है. पहले से तय मानसिकता के साथ मत खेलो. स्थिति के अनुसार खुद को ढालो. 

वैभव ने 35 गेंदों ऐत‍िहास‍िक शतक 
वैभव सूर्यवंशी गुजरात टाइटन्स के खिलाफ महज 35 गेंदों में शतक जड़कर आईपीएल में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. सोमवार (28 अप्रैल) को  उनके जादुई शतक के दम पर राजस्थान रॉयल्स ने जीत के लिए 210 रनों का लक्ष्य 25 गेंदें बाकी रहते हासिल कर लिया.आईपीएल के इतिहास का यह दूसरा सबसे तेज शतक है. वह पुरुष टी20 क्रिकेट में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी भी बने. वह 38 गेंदों में 101 रन बनाकर आउट हुए आईपीएल में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के क्रिस गेल के नाम है, जिन्होंने अप्रैल 2013 में पुणे वॉरियर्स के खिलाफ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के लिए 30 गेंदों में शतक जमाया था.

Report: Akshay Ramesh

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