राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद किया है. सहवाग ने एक साथ कई ट्वीट कर उनके खेल, योगदान और राष्ट्रप्रेम को प्रेरणा बताया. हॉकी के जादूगर रहे मेजर ध्यानचंद ने अपने हरफनमौला प्रदर्शन से दुनियाभर में लोहा मनवाया. उनकी सफलताओं से पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग काफी प्रभावित हैं और उन्होंने देश के हर बच्चे को ध्यानचंद के बारे में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
ध्यानचंद से जुड़े कुछ किस्सों के साथ ही वीरेंद्र सहवाग ने एक ट्वीट में लिखा, 'इस देश के हर बच्चे को महान मेजर ध्यानचंद के बारे में पता होना चाहिए. 16 साल की उम्र में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और 1956 में रिटायर हुए. सहवाग ने ध्यानचंद के हिटलर और बर्लिन ओलिंपिक से जुड़े कुछ किस्से भी ट्वीट किए.
सहवाग ने 1936 बर्लिन ओलंपिक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, ’1936 में बर्लिन ओलंपिक्स में भारतीय दल की अगुवाई ध्यानचंद कर रहे थे जिन्होंने एडॉल्फ हिटलर को सालमी देने से इनकार कर दिया था. बर्लिन ओलंपिक्स में जर्मनी के खिलाफ ध्यानचंद ने अपने स्पाइक्स निकाल दिए थे और वो नंगे पांव खेले थे.’
विश्व मोहन मिश्र