टीम इंडिया एक नए नेतृत्व के साथ सभी फॉर्मेट में भविष्य की तरफ देखने की कोशिश कर रही है.नए कप्तान के अलावा टीम की रणनीति में भी कुछ बदलाव देखने को मिल रहे हैे. लंबे समय से चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के फॉर्म को लेकर भारतीय फैंस को चिंता थी, अब सौरव गांगुली ने एक ही इशारे में यह साफ कर दिया कि दोनों को घरेलू क्रिकेट में खुद को परखना चाहिए.
खिलाड़ियों के बैकअप की तलाश शुरू
इसके ठीक बाद विकेटकीपिंग में भी विकल्प तलाशा जा रहा है. 37 साल के ऋद्धिमान साहा को लेकर भी टीम इंडिया ने बड़े फैसले का मन बना लिया है. सूत्रों के मुताबिक टीम इंडिया श्रीलंका के खिलाफ साहा की जगह युवा श्रीकर भरत को मौका देगी. इसके ठीक बाद साहा ने रणजी ट्रॉफी से भी खुद को अलग कर लिया. यह इशारा काफी है टीम इंडिया अब वनडे, टी-20 के अलावा टेस्ट में भी भविष्य की योजनाओं पर विचार कर रही है.
... युवाओं को मिलेगा मौका
भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने भी युवा खिलाडियों को लेकर कहा था कि उन्हें अपने मौकों के लिए इंतजार करना पड़ेगा, शायद टीम मैनेजमेंट को लग रहा है यह सही समय है जब भारतीय टीम अगले विदेशी दौरे से पहले कुछ बेहतर खिलाड़ी तैयार कर सकती है. टीम इंडिया को इस साल अधिकतर टेस्ट मुकाबले एशियाई धरती पर ही खेलने हैं.
मौजूदा विकेटकीपर ऋषभ पंत के खेल में भी निरंतरता की कमी है. ऐसे में श्रीकर भरत का टीम में आना पंत के लिए भी एक इशारा होगा. टीम इंडिया में कई युवा खिलाड़ी अपने एक मौके के इंतजार में बैठे हैं. श्रेयस अय्यर ने कानपुर में पिछले साल टेस्ट डेब्यू में शतक जड़कर अपना दावा भी ठोका था, सूर्यकुमार यादव भी लंबे समय से इस फॉर्मेट में एक मौके की तलाश में है. साथ ही शुभमन गिल, मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ जैसे बल्लेबाजों के पास टीम में अपनी जगह मजबूत करने के मौके बनेंगे. श्रीकर भरत ने घरेलू क्रिकेट में शानदार खेल दिखाया है.
नया कप्तान, नया टीम मैनेजमेंट
बोर्ड प्रेसिडेंट सौरव गांगुली के बयान और ऋद्धिमान साहा के निर्णय से टीम इंडिया के टेस्ट फॉर्मेट में भविष्य की रणनीति भी नजर आने लगी है. श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट टीम के चयन से काफी बातें और साफ हो जाएंगी. टीम इंडिया अब एक नए कप्तान के नेतृत्व में इस फॉर्मेट में उतरेगी.
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