भारतीय उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने पहले टेस्ट से पूर्व ऑस्ट्रेलिया को प्रबल दावेदार बताते हुए कहा कि कंगारुओ की धरती पर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने के लिए उनकी टीम को लंबी साझेदारियां करनी होंगी.
रहाणे ने मेलबर्न में 2014-15 में विराट कोहली के साथ 262 रनों की साझेदारी का उदाहरण देते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया का फोकस सिर्फ भारत के स्टार बल्लेबाज पर रहने से दूसरे बल्लेबाजों को एक छोर से अपना काम करने में मदद मिल जाती है.
उन्होंने कहा ,‘हर बल्लेबाज का काम टीम के लिए योगदान देना है. हमें पिछली बार की तरह लंबी साझेदारियां बनानी होंगी. इससे ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने में मदद मिलेगी.’
उन्होंने कहा,‘पिछली बार एमसीजी पर हमने साझेदारी का पूरा मजा लिया. मिशेल जॉनसन का फोकस विराट कोहली पर था और दूसरे छोर से मैं मजे से अपना स्वाभाविक खेल दिखा रहा था. दूसरे छोर पर विराट काफी आक्रामक था, बल्ले से भी और मुंह से भी.’
रहाणे ने कहा,‘ इससे मुझे खेल पर फोकस करने और अपना स्वाभाविक खेल दिखाने में मदद मिली. मैं विराट से बिल्कुल विपरीत खेलता हूं. आपको समझना होता है कि हर किसी की भूमिका अलग-अलग है. यह टीम का खेल है और विराट भी यह समझता है.'
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दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की काफी आलोचना हुई थी, जहां सिर्फ कोहली ही चल सके थे. रहाणे ने कहा,‘लोग आलोचना करेंगे या तारीफ करेंगे, लेकिन हमें कठिन दौर में एकजुट रहना होगा. इंग्लैंड में हालात काफी चुनौतीपूर्ण थे और इंग्लिश बल्लेबाज भी जूझते दिख. एलिस्टेयर कुक की आखिरी टेस्ट पारी के अलावा कोई बड़ा स्कोर नहीं बना सका. इसलिए आलोचना पर फोकस करने की जरूरत नहीं है और न ही प्रशंसा पर.’
उन्होंने कहा,‘हर सीरीज में नए सिरे से शुरुआत करने की जरूरत है. इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में हमने सबक ले लिया और अब सुधार के साथ खेलेंगे. इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में अच्छी शुरुआत जरूरी है.’
स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर के बिना ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को कमजोर माना जा रहा है, लेकिन रहाणे ने कहा कि अपने मैदान पर ऑस्ट्रेलिया का दावा पुख्ता होगा.
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उन्होंने कहा,‘अपनी सरजमीं पर हर टीम अच्छा खेलती है और ऑस्ट्रेलिया सीरीज जीतने की प्रबल दावेदार है. उन्हें स्मिथ और वॉर्नर की कमी खलेगी, लेकिन वे कमजोर नहीं हैं. उनकी गेंदबाजी काफी दमदार है और टेस्ट क्रिकेट में यह बहुत जरूरी है.’
विश्व मोहन मिश्र