भारतीय क्रिकेट के दशकों पुराने इतिहास में कुछ ऐसे खिलाड़ी सामने आए, जिन्होंने गेंद और बल्ले से अपनी चमक बिखेरी. कपिल देव को सबसे महानतम भारतीय ऑलराउंडर माना जाता है, जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 1983 का क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था. वीनू मांकड़ का नाम भी इस फेहरिस्त में शामिल है, जो बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज और दाएं हाथ के बल्लेबाज थे. वीनू की आज (12 अप्रैल) 108वीं जन्म जयंती है.
टेस्ट डेब्यू पर धमाल, अंग्रेजों की तोड़ी कमर...
गुजरात के जामनगर में पैदा हुए वीनू मांकड़ का असली नाम मूलवंतराय मांकड़ था, लेकिन स्कूली दिनों से ही वो अपने निकनेम 'वीनू' के नाम से जाने लगे. वीनू का प्रथम श्रेणी करियर 1935 में ही शुरू हो गया था, लेकिन उन्हें असली प्रसिद्धि 1937-38 में लॉर्ड टेनिसन की इंग्लिश टीम के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करके मिली. तब अंग्रेजों ने भारतीय टीम के खिलाफ उसकी धरती पर पांच मैचों की अनऑफिशियल टेस्ट सीरीज खेली थी, जिसमें वीनू की बल्लेबाजी औसत 62.66 और गेंदबाजी औसत 14.53 रही.
फिर वीनू मांकड़ ने अपना टेस्ट डेब्यू साल 1946 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में किया. अपने टेस्ट डेब्यू पर वीनू ने अर्धशतकीय पारी (63) खेलने के अलावा दो विकेट भी चटकाए. हालांकि भारत वो मुकाबला 10 विकेट से गंवा बैठा था. 1932 में टेस्ट क्रिकेट का सफर शुरू करने वाली टीम इंडिया को पहली जीत 1952 में मिली थी. उस ऐतिहासिक जीत के हीरो वीनू मांकड़ ही थे, जिन्होंने कुल 12 (8+4) विकेट चटकाकर इंग्लिश टीम की कमर तोड़ दी थी. चेपॉक (एमए चिदंबरम स्टेडियम) में हुए उस मुकाबले में भारत ने इंग्लैंड को एक पारी और 8 रनों से पीटा था.
साल 1952 में ही इंग्लैंड दौरे पर ओपनिंग करते हुए वीनू मांकड़ ने लॉर्ड्स में 72 और 184 रनों की पारियां खेलीं. साथ ही उन्होंने गेंद से भी करिश्माई प्रदर्शन करते हुए पांच विकेट भी लिए थे. हालांकि, भारतीय टीम को उस मुकाबले में 8 विकेट से हार मिली थी. लेकिन वीनू ने अपने खेल से फैन्स का दिल जीत लिया था.
वीनू मांकड़ ने साल 1956 में पंकज रॉय के साथ मिलकर एक खास रिकॉर्ड बनाया था. तब न्यूजीलैंड के खिलाफ चेपॉक में वीनू और पंकज की जोड़ी ने 413 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप की थी, जो आज भी लोगों के जेहन में है. इस दौरान वीनू ने 231 और पंकज ने 173 रनों की पारी खेली थी. पंकज और वीनू का यह वर्ल्ड रिकॉर्ड 52 साल बाद 2008 में टूटा था. तब साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज नील मैकेंजी और ग्रीम स्मिथ ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले विकेट के लिए 415 रन जोड़ दिए थे.
हर पोजीशन पर वीनू ने की बैटिंग
वीनू मांकड़ के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है. वीनू ने टेस्ट क्रिकेट में पहले से लेकर 11वें नंबर तक बल्लेबाजी की थी. वीनू के अलावा इंग्लैंड के विल्फ्रेड रोड्स और ऑस्ट्रेलिया के एडवर्ड ग्रेगरी ही ऐसा कारनामा कर पाए थे. दो अन्य भारतीय बल्लेबाज फारूख इंजीनियर और रवि शास्त्री ने टेस्ट क्रिकेट में 1-10 नंबर तक बल्लेबाजी की, लेकिन इन दोनों ने कभी 11वें नंबर पर बल्लेबाजी नहीं की.
वीनू मांकड़ ने लगभग 13 साल (1946-59) के अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 44 टेस्ट मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 31.47 की औसत से 2,109 रन बनाए. टेस्ट क्रिकेट में वीनू के बल्ले से 5 शतक (2 दोहरे शतक शामिल) और 6 अर्धशतक निकले. साथ ही, उन्होंने गेंद से भी असाधारण प्रदर्शन करते हुए 162 विकेट चटकाए. वीनू का 21 अगस्त 1978 को 61 वर्ष की आयु में बॉम्बे (अब मुंबई) में निधन हो गया था. वीनू के बड़े बेटे अशोक मांकड़ ने भारत के लिए 22 टेस्ट और 1 वनडे मैच खेले. वीनू के दो अन्य बेटे अतुल मांकड़ और राहुल मांकड़ भी फर्स्ट क्लास क्रिकेटर रहे.
'मांकड़िंग' को लेकर चर्चा में रहे
वीनू मांकड़ को विवादों में भी घसीटा गया और उनके ही नाम पर क्रिकेट में 'मांकड़िंग' की शुरुआत हुई. 1947 में वीनू ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बिल ब्राउन को रनआउट कर दिया था. तब वीनू बॉलिंग कर रहे थे. जैसे ही ब्राउन क्रीज से बाहर निकले, वीनू ने उन्हें रनआउट कर दिया. हालांकि वीनू ने ब्राउन को रनआउट करने से पहले चेतावनी भी दी थी. उस दौरे में वीनू ने ब्राउन को दो बार इसी तरह आउट किया था. क्रिकेट के नियमों के मुताबिक यह रनआउट जायज है. बावजूद इसके इस तरह के रनआउट को 'मांकड़िंग' कहा जाने लगा.
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