पिछले साल वर्ल्ड कप की आस लगाए बैठे भारतीय प्रशंसकों को बड़ा झटका लगा था, जब आज ही के दिन (10 जुलाई) टीम इंडिया को सेमीफाइनल में हार मिली थी. मैनचेस्टर में खेले गए वर्ल्ड कप-2019 के पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने विराट ब्रिगेड को 18 रनों से मात दी थी. इसी के साथ भारत का तीसरी बार वर्ल्ड कप चैम्पियन बनने का सपना भी टूट गया था.
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड की टीम ने 50 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 239 रन बनाए थे. 240 रनों का छोटा टारगेट भी टीम इंडिया के लिए भारी पड़ा. वह 49.3 ओवरों में 221 रन पर ऑलआउट हो गई. भारत ने 92 रनों पर ही अपने छह विकेट खो दिए थे. यहां से रवींद्र जडेजा (77) और महेंद्र सिंह धोनी (50) ने सातवें विकेट के लिए 116 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत के करीब पहुंचाया था.
ऐसा लग रहा था कि जडेजा और धोनी की जोड़ी भारत को फाइनल में पहुंचा देगी, तभी ट्रेंट बोल्ट ने मैच का रुख बदल दिया. उन्होंने 208 के कुल स्कोर पर जडेजा को कप्तान केन विलियम्सन के हाथों कैच कराया. पूर्व कप्तान धोनी क्रीज पर भारत की आखिरी उम्मीद थे. आखिरी दो ओवरों में भारत को 31 रनों की दरकार थी.
धोनी ने पहली गेंद पर छक्का मारा और दूसरी गेंद पर दो रन लेकर स्ट्राइक अपने पास रखना चाहा. वह दूसरा रन लेने दौड़े, लेकिन मार्टिन गप्टिल की डायरेक्ट हिट से पहले वह बल्ला क्रीज पर नहीं रख सके और यहीं भारत की उम्मीदें खत्म हो गईं. धोनी (50) की 72 गेंदों की पारी काम न आई. इसी के बाद से धोनी क्रिकेट से बाहर हैं, उन्होंने अब तक कोई मैच नहीं खेला है.
लॉकी फर्ग्यूसन ने भुवनेश्वर कुमार (0) और जिमी नीशाम ने युजवेंद्र चहल (5) को आउट कर भारत को सेमीफाइनल में हार सौंपी. इससे पहले भारत की शुरुआत बेहद खराब रही और उसका मध्यक्रम एक बार फिर जिम्मेदारी भरी पारियों से अछूता रहा. भारत ने पांच रनों के कुल स्कोर पर अपने शीर्ष क्रम को खो दिया था.
रोहित शर्मा (1) और केएल राहुल (1) को मैट हेनरी ने अपना शिकार बनाया और कप्तान विराट कोहाली (1) का विकेट बोल्ट ने लिया. युवा ऋषभ पंत और अनुभवी दिनेश कार्तिक के पास टीम को संभालने और अपनी अहमियत दिखाने का मौका था, लेकिन दोनों विफल रहे. पहले कार्तिक 24 के कुल स्कोर पर हेनरी का शिकार बने. उन्होंने छह रनों का योगदान दिया.
ये भी पढ़ें ... जब मछुआरे के बेड पर मिले नन्हे गावस्कर, तेज नजरों वाले चाचा ने 'पकड़ा'
पंत ने हार्दिक पांड्या के साथ 47 रनों की साझेदारी कर ली थी. मिशेल सेंटनर ने उनके लिए जाल बिछाया और पंत उसमें फंस कर तब बड़ा शॉट खेल गए, जब जरूरत नहीं थी. मिडविकेट पर गए उनके शॉट को कॉलिन डि ग्रैंडहोम ने पकड़ने में कोई गलती नहीं की. 56 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 32 रन बनाने वाले पंत का विकेट 71 के कुल स्कोर पर गिरा.
पंड्या के बल्ले से 62 गेंदों दो चौकों की मदद से 32 रन निकले. पंड्या के जाने के बाद आए जडेजा ने धीमी नहीं, बल्कि आक्रमक बल्लेबाजी की और धोनी ने उन्हें स्ट्राइक दे भारत को लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया था, लेकिन जडेजा बोल्ट की गेंद को मिस टाइम कर गए और आउट हो गए. धोनी को गप्टिल ने रोक दिया और यहीं भारत के वर्ल्ड कप का सफर थम गया.
aajtak.in