भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने अपने क्रिकेट करियर में 131 टेस्ट खेले. इस दौरान एक ही मौका आया, जब उन्हें टेस्ट टीम से बाहर रखा गया. 1984 में आज ही के दिन (31 दिसंबर) इस दिग्गज को इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हुए कोलकाता टेस्ट से 'ड्रॉप' कर दिया गया. जिससे फैंस काफी नाराज हुए थे और कपिल को टीम से बाहर करने के लिए तत्कालीन कप्तान सुनील गावस्कर को इसका जिम्मेवार माना था.
इंग्लैंड के हाथों दिल्ली टेस्ट में हार बनी वजह
दरअसल, इंग्लैंड की टीम 1984/85 में भारत दौरे पर 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही थी. 'बंबई' में खेला गया पहला टेस्ट भारत ने जीता था. लेकिन इसके बाद भारत को दिल्ली टेस्ट गंवानी पड़ी. भारत की हार के लिए दूसरी पारी में कपिल देव की गैरजिम्मेदाराना बल्लेबाजी को जिम्मेवार ठहराया गया.
कपिल देव की कोटला में गैरजिम्मेदाराना बल्लेबाजी
कपिल देव उस वक्त बल्लेबाजी करने आए थे, जब विकेट पर रुकने की जरूरत थी. वह इंग्लिश स्पिनर पैट पोकॉक को उड़ाने के चक्कर में लपके गए. उनकी आक्रामकता की ऐसी बानगी दिखी कि 6 गेंदों में 7 रनों की पारी में उन्होंने एक छक्का जड़ा था और 4 मिनट ही क्रीज पर बिता पाए थे.
कोलकाता के दर्शकों ने गावस्कर के खिलाफ नारे लगाए
भारत की इस हार के बाद कपिल देव को अगले टेस्ट में नहीं चुना गया. कोलकाता टेस्ट में टीम इंडिया बगैर कपिल देव उतरी थी. ईडन गार्डन्स में मैच देखने आए उनके फैंस इससे काफी नाराज हुए. कोलकाता के दर्शकों ने कप्तान गावस्कर के खिलाफ नारेबाजी की- 'गावस्कर दूर जाओ, कपिल को वापस लाओ.'
सालों बाद गावस्कर ने चुप्पी तोड़ी, कहा- मेरी भूमिका नहीं
हालांकि 32 साल बाद सुनील गावस्कर ने इस मामले में यह कहते हुए अपनी चुप्पी तोड़ी थी कि कपिल देव को टीम से बाहर निकाले जाने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी. उन्होंने कहा कि कोई भी कप्तान अपने 'मैच विनर' खिलाड़ी को टीम से बाहर निकालने की मूर्खतापूर्ण सलाह नहीं दे सकता था. उन्होंने स्पष्ट किया कि कपिल देव को बाहर निकाले जाने का फैसला चयनकर्ताओं का था.
आखिरकार अगले टेस्ट में लौटे कपिल, कुल 131 टेस्ट खेले
आखिरकार कपिल देव की कोलकाता के बाद मद्रास टेस्ट में वापसी हुई. हालांकि भारत ने इंग्लैंड के हाथों वह सीरीज 1-2 से गंवा दी. कपिल देव की फिटनेस की भी प्रशंसा करनी पड़गी, इसके बाद उन्होंने संन्यास लने तक लगातार 65 टेस्ट खेले. बॉलिंग, बैटिंग और फील्डिंग में महारत रखने वाला यह दिग्गज ऑलराउंडर औरों से अलग रहा.
विश्व मोहन मिश्र