ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जेसन नील गिलेस्पी आज (19 अप्रैल) 50 साल के हो गए. जेसन गिलेस्पी का शुमार ऑस्ट्रेलिया के महानतम तेज गेंदबाजों में किया जाता है. गिलेस्पी ने ज्यादातर मुकाबले उस दौर में खेले थे, जब कंगारू टीम का विश्व क्रिकेट में दबदबा हुआ करता हुआ था. ब्रेट ली और ग्लेन मैक्ग्रा के साथ मिलकर गिलेस्पी ने ऐसी पेस तिकड़ी बनाई, जिसका सामना करना बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं रहा.
...जन्मदिन पर बल्ले से बना दिया महरिकॉर्ड
दाएं हाथ के गेंदबाज जेसन गिलेस्पी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में गेंद से तो कहर बरपाया ही, लेकिन उनके नाम बैटिंग में भी एक धांसू रिकॉर्ड दर्ज है. गिलेस्पी ने ये रिकॉर्ड अपने आखिरी टेस्ट में बनाया, जो अब तक कोई तोड़ नहीं पाया. दरअसल, गिलेस्पी ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच में नाबाद दोहरा शतक जड़ा था. इसके साथ ही गिलेस्पी दुनिया के ऐसे पहले क्रिकेटर बन गए, जिन्होंने नाइटवॉचमैन के तौर पर टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाया. खास बात यह रही कि गिलेस्पी ने अपने 31वें जन्मदिन पर ये दोहरा शतक पूरा किया था, ऐसे में उनके लिए ये यादगार लम्हा रहा.
वो मुकाबला साल 2006 में 16-20 अप्रैल तक चटगांव में खेला गया था. बारिश से प्रभावित उस मुकाबले में बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया था. हालांकि उसकी पूरी टीम पहली पारी में 197 रनों पर सिमट गई. फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी पहली पारी में बल्लेबाजी शुरू की. पहले दिन (16 अप्रैल) का खेल खत्म होने से कुछ देर पहले ही ऑस्ट्रेलिया को मैथ्यू हेडन (29 रन) के रूप में पहला झटका लगा. चूंकि दिन का खेल खत्म होने में कुछ ही ओवर बाकी थे, ऐसे में कंगारू कप्तान रिकी पोंटिंग ने जेसन गिलेस्पी को बतौर नाइटवॉचमैन तीसरे नंबर पर भेजने का फैसला किया.
कप्तान रिकी पोंटिंग के इस फैसले पर जेसन गिलेस्पी पूरी तरह खरे उतरे. गिलेस्पी ने मेजबान गेंदबाजों की जमकर खबर लेते हुए 425 गेंदों पर नाबाद 201 रन बना दिए. गिलेस्पी ने अपनी इस इनिंग्स में 26 चौके और 2 छक्के लगाए. माइकल हसी ने गिलेस्पी का बखूबी साथ दिया और दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 320 रनों की साझेदारी हुई. हसी ने 21 चौके और एक छक्क की मदद से 201 गेंदों पर 182 रन बनाए. गिलेस्पी-हसी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी 4 विकेट पर 581 रनों के स्कोर पर घोषित कर दी. फिर बांग्लादेश ने अपनी दूसरी पारी में 304 रन बनाए. नतीजतन बांग्लदेश को पारी और 80 रनों से हार का सामना करना पड़ा.
इन टीमों को दे चुके कोचिंग, IPL से भी रहा कनेक्शन
दुख की बात यह रही कि जेसन गिलेस्पी उस ऐतिहासिक पारी के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए फिर कभी खेल नहीं पाए. इंजरी के चलते भी उनका करियर प्रभावित प्रभावित हुआ. ऐसे में गिलेस्पी ने साल 2008 में रिटायरमेंट की घोषणा कर दी और फिर कोचिंग को अपना करियर बनाया. गिलेस्पी कुछ महीने पहले तक टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तानी टीम के हेड कोच थे. गिलेस्पी यॉर्कशायर, साउथ ऑस्ट्रेलिया, ससेक्स, एडिलेड स्ट्राइकर्स और पापुआ न्यू गिनी टीम के भी हेड कोच रह चुके हैं. साथ ही वो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) के बॉलिंग कोच का भी दायित्व निभा चुके हैं.
गिलेस्पी का ऐसा रहा इंटरनेशनल रिकॉर्ड
जेसन गिलेस्पी ने लगभग एक दशक लंबे अपने इंटरनेशनल करियर (1996-2006) में ऑस्ट्रेलिया के लिए 71 टेस्ट, 97 वनडे और 1 टी20 मैच खेले. गिलेस्पी ने टेस्ट मैचों में 26.13 के एवरेज से 259 विकेट चटकाए. इस दौरान उन्होंने 8 बार पारी में पांच या उससे ज्यादा विकेट लिए. बैटिंग की बात की जाए, तो गिलेस्पी ने टेस्ट क्रिकेट में 18.73 की औसत से 1218 रन बनाए, जिसमें 1 शतक और दो अर्धशतक शामिल रहे.
जेसन गिलेस्पी के नाम पर ओडीआई क्रिकेट में 25.42 की औसत से 142 विकेट दर्ज हैं. वनडे इंटरनेशनल में गिलेस्पी ने तीन बार पारी में पांच और इतने ही मौकों पर चार विकेट चटकाए. साथ ही उन्होंने बल्ले से 289 रन बनाए. टी20 इंटरनेशनल में गिलेस्पी के नाम पर एक विकेट और 24 रन दर्ज है.
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