भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली टेस्ट विजय हासिल करने में 12 साल (1947-1959) लगे थे. इस दौरान भारत ने कंगारुओं के खिलाफ शुरुआती 9 टेस्ट मैचों में से 7 मुकाबले गंवाए थे, लेकिन 10वें टेस्ट में भारत ने जीत का स्वाद चखा. भारतीय टीम ने जिस ऑलराउंडर की कप्तानी में मजबूत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिसंबर 1959 में पहली जीत हासिल की थी, वह आज ही के दिन (26 जुलाई को) पैदा हुए थे.
जी हां! बात हो रही है जीएस (गुलाबराय सिपाहिमालानी) रामचंद की, जिनका जन्म 26 जुलाई 1927 को कराची, सिंध (अब पाकिस्तान) में हुआ था. भारत के इस पूर्व कप्तान का 19 साल पहले 2003 में मुंबई में निधन हो गया, लेकिन जब भी ऑस्ट्रेलिया पर पहली टेस्ट जीत का जिक्र होगा, जीएस रामचंद हमेशा याद किए जाएंगे.
जीएस रामचंद के पास भारतीय टीम की कप्तानी का बड़ा अनुभव (5 टेस्ट) नहीं रहा, लेकिन उन्हीं की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की जीत का खाता खुला. आइए नजर डालते हैं रामचंद से जुड़े दिलचस्प वाकये और उनके रिकॉर्ड्स पर-
जुनून इस कदर कि अंतिम सांस तक क्रिकेट से जुड़े रहे
क्रिकेट रामचंद का जुनून था और अंतिम सांस तक पूरे उत्साह के साथ इस खेल से जुड़े रहे. यहां तक कि निधन से एक दिन पहले भी उन्हें क्रिकेट की ही फिक्र थी. बताया जाता है कि मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती रामचंद ने अपनी पत्नी से पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच जारी टेस्ट में मैच का ताजा स्कोर पता करने के लिए कहा था.
कमर्शियल करार हासिल करने वाले शुरुआती खिलाड़ी
रामचंद वैसे शुरुआती खुलाड़ियों में शामिल रहे, जिन्हें कमर्शियल ब्रांड का करार हासिल हुआ. क्रिकेट करियर की समाप्ति के बाद उन्होंने एयर इंडिया के साथ सीनियर मैनेजर के रूप में कॉर्पोरेट जगत में अपनी पहचान बनाई. भारतीय टीम जब 1975 में पहला वर्ल्ड कप खेलने इंग्लैंड गई, तब रामचंद ही टीम मैनेजर थे.
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मार्क टेलर ने दिया था अद्भुत सम्मान
रामचंद 1990 के दशक में एक क्रिकेट पुरस्कार समारोह में मौजूद थे. इस दौरान वह अपनी भतीजी के लिए मौजूदा क्रिकेटर्स के ऑटोग्राफ संग्रह कर रहे थे. तभी अचानक एक क्रिकेटर उनके करीब आया और उनसे कहा- 'सर, मेरा नाम मार्क टेलर है. मैं अपनी टीम की ओर से पुरस्कार प्राप्त करने के लिए यहां हूं. क्या मैं उस आदमी से हाथ मिलाने का अनुरोध कर सकता हूं जिसने भारत को हमारी टीम (ऑस्ट्रेलिया) पर पहली जीत दिलाई? '
ऑस्ट्रेलिया पर पहली जीत में जसु पटेल का कमाल
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कानपुर टेस्ट (19-24 दिसंबर 1959) में जीएस रामचंद के लिए ऑफ स्पिनर जसु पटेल मैच विनर साबित हुए. उस मैच में कप्तान रामचंद ने लाला अमरनाथ की सलाह पर जसु पटेल का छोर बदला और उस ऑफ स्पिनर ने कमाल कर दिखाया. पटेल ने करिश्माई गेंदबाजी की और 69 रन देकर 9 विकेट चटकाए. आखिरकार पांच टेस्ट मैचों की उस सीरीज का दूसरा टेस्ट 119 रनों से जीतकर भारत ने सीरीज में 1-1 की बराबरी हासिल की थी.
रामचंद FACTS -
- जीएस रामचंद ने लगातार 4 रणजी फाइनल मुकाबलों में शतक जमाने का कारनामा किया था- 1959-60 में 106 रन, 1960-61 में 118 रन, 1961-62 में 107 रन और 1962-63 में 102 नॉट आउट.
- रामचंद ने कराची टेस्ट (1954-55) में 49 रन देकर 6 विकेट चटकाए, जो पाकिस्तान में किसी भारतीय गेंदबाज की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी थी, जो 28 साल तक कायम रही. कपिल देव ने 1982-83 में फैसलाबाद टेस्ट के दौरान 220 रन देकर 7 विकेट लेकर यह रिकॉर्ड तोड़ा. इसके बाद कपिल ने उसी सीजन के लाहौर टेस्ट में 85 रन देकर 8 विकेट चटकाकर अपने रिकॉर्ड को और पुख्ता किया.
- जीएस रामचंद ने कुल 33 टेस्ट मैचों में 24.58 की औसत से 1180 रन बनाए, जिसमें उनके 2 शतक शामिल रहे. उनका उच्चतम स्कोर 109 रहा, जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1956 में बनाया था. साथ ही उन्होंने अपनी तेज गेंदबाजी से 41 विकेट भी निकाले थे.
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