दिल्ली के निखिल चौधरी ने तस्मानिया के लिए शेफील्ड शील्ड में ऐसा शतक जमाया कि क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें उन्हें तलाशती रहीं. सिडनी में 163 रनों की धमाकेदार पारी खेलते हुए निखिल चौधरी इस सदी में शेफील्ड शील्ड में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बने.
29 साल के निखिल चौधरी ने 163 रनों की पारी खेलकर तस्मानिया को तीसरे दिन 8 विकेट पर 623 रन पर पारी घोषित करने में मदद की. इससे टीम को सिडनी के क्रिकेट सेंट्रल में 232 रनों की बढ़त मिली. इसके बाद सैम कॉन्स्टास और रयान हिक्स ने कठिन परिस्थितियों में पांच ओवर खेले और ब्लूज को दिन का खेल 0/9 पर खत्म करने में सफलता मिली. अब NSW को मैच बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
रविवार को केलिब ज्वेल ने तस्मानिया के लिए 102 रन बनाए थे. सोमवार को टिम वॉर्ड और चौधरी दोनों ने शतक जड़े, जिससे टीम ने शील्ड में अपना दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बनाया. वॉर्ड ने अपने घरेलू राज्य के खिलाफ ऑफ-साइड में जबरदस्त बल्लेबाजी की और अपना पहला रेड-बॉल शतक पूरा किया, लेकिन इतिहास बनाने का श्रेय चौधरी को ही मिला.
दिल्ली में जन्मे और पंजाब की तरफ से वनडे क्रिकेट खेलने वाले निखिल चौधरी 2020 में ऑस्ट्रेलिया गए थे. कोविड-19 महामारी के दौरान वह वहीं फंस गए और अब स्थायी निवासी बन चुके हैं, जबकि वह अभी भी भारतीय नागरिक हैं.
स्पिन-बॉलिंग ऑलराउंडर निखिल चौधरी को क्वींसलैंड क्लब क्रिकेट में तस्मानिया के असिस्टेंट कोच जेम्स होप्स ने देखा और दो साल पहले BBL के लिए होबार्ट में सिफारिश की.
इसके बाद निखिल पिछले साल की शुरुआत में तस्मानिया चले गए और इस सीजन वन-डे कप में खेलने का मौका मिला. पिछले महीने शील्ड डेब्यू में उन्होंने क्वींसलैंड के खिलाफ 5 विकेट लिए और सोमवार को बल्लेबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया.
निखिल चौधरी ने अपनी 184 गेंदों की पारी में पांच छक्के लगाए. दिन के अंतिम समय में उन्होंने तनवीर सांघा पर जमकर हमला किया और अंतिम घंटे में चार बार सांघा को स्लॉग-स्वीप करते हुए बाउंड्री के पार भेजा. अपना 150वां रन उन्होंने ग्रैंडस्टैंड की छत पर मारा.
कुछ भारतीय खिलाड़ी इससे पहले शील्ड में खेल चुके हैं. 1970 के दशक में पूर्व टेस्ट ऑलराउंडर रूसी सुर्ती ने क्वींसलैंड के लिए शतक और हैट्रिक बनाई थी.
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