कोहली ने जड़ा टेस्ट करियर का 15वां शतक, लगाई रिकॉर्ड्स की झड़ी

मुंबई टेस्ट के तीसरे दिन विराट कोहली ने वो कारनामा किया जिसके लिए वो जाने जाते हैं. कोहली ने अपने टेस्ट करियर का 15वां शतक लगाया. एक बार फिर भारतीय बल्लेबाज उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतर सके. लेकिन कोहली ने अपनी दमदार बल्लेबाजी की बदौलत टीम इंडिया को बढ़त दिला दी

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विराट कोहली विराट कोहली

अमित रायकवार

  • मुंबई,
  • 10 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

मुंबई टेस्ट के तीसरे दिन विराट कोहली ने वो कारनामा किया जिसके लिए वो जाने जाते हैं. कोहली ने अपने टेस्ट करियर का 15वां शतक लगाया. एक बार फिर भारतीय बल्लेबाज उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतर सके. लेकिन कोहली ने अपनी दमदार बल्लेबाजी की बदौलत टीम इंडिया को बढ़त दिला दी. मौजूदा सीरीज में वो 500 से ज्यादा रन बना चुके हैं. एक सीरीज में सबसे अधिक रन बनाने वाले भारतीय कप्तान के रूप में रिकॉर्ड गावस्‍कर के ही नाम पर है. गावस्कर ने ये कारनामा अपनी पहली ही सीरीज में दुनिया की सबसे मजबूत वेस्‍टइंडीज टीम के खिलाफ किया था. उन्होंने 1970-71 में इंडीज टीम के खिलाफ उसी की धरती पर 774 रन बनाए थे.

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कोहली ने जड़ा करियर का 15वां शतक
वानखेड़े मैदान पर विराट के शॉट्स देखते ही बन रहे थे. उन्होंने गेंद को मैदान के हर कौने पर पहुंचाया और 187 गेंदों में करियर का 15वां शतक जड़ा. इस मुकाबले में कप्तान विराट कोहली और मुरली विजय के बीच 116 रनों की अहम साझेदारी हुई. जिसकी बदौलत टीम इंडिया मुश्किल से निकल सकी.

कोहली ने पूरे किये 4000 रन
विराट कोहली का दूसरा साल बेहद कमाल का रहा है. वो टेस्ट क्रिकेट में इस साल दो दोहरे शतक लगा चुके हैं. मुंबई में खेले जा रहे टेस्ट मैच में कोहली ने 10 टेस्ट में कैलेंडर इयर में 1000 रन पूरे किए और करियर के 4000 हजार रन भी पूरे किए. पारियों के लिहाज से वो सबसे तेज चार हजार रन पूरे करने वाले भारत के छठे बल्लेबाज भी बन गए हैं. कोहली के फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि साल 2016 उनका बेमिसाल रहे और वो टीम इंडिया को बुलंदियों तक पहुंचाते रहें.

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50 का औसत छूते ही बन जाएंगे नंबर एक बल्लेबाज
विराट कोहली जब से कप्तान बने हैं उनकी बल्‍लेबाजी औसत लगातार बढता जा रहा है. कोहली टेस्‍ट मैचों में 50 का बल्‍लेबाजी औसत छूने के करीब हैं. उनका मौजूदा बैटिंग औसत इस समय 48 रन के आसपास है. ऐसा करते ही वे क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में 50 या इससे अधिक का औसत रखने वाले दुनिया के पहले बल्‍लेबाज बन जाएंगे.

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