जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ ने इंग्लैंड जा रहे क्रिकेटर को NOC देने से किया इंकार

सोफी ने कहा जेकेसीए को खुश होना चाहिए कि राज्य के एक खिलाड़ी को इंग्लैंड में खेलने का मौका मिला है लेकिन इसके बजाय उन्होंने मुझे दो टूक शब्दों में कार्यालय से निकलने को कह दिया. दूसरी तरफ जेकेसीए के महासचिव ने स्वीकार किया कि संघ ने इस क्रिकेटर को एनओसी देने से इनकार किया है क्योंकि क्लब या दूतावास किसी ने भी संघ को नहीं लिखा.

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शेन वॉर्न के साथ सोफी शेन वॉर्न के साथ सोफी

सूरज पांडेय

  • श्रीनगर,
  • 04 मई 2016,
  • अपडेटेड 7:54 PM IST

भारतीय खेलों में राजनीति किस कदर हावी है इसका एक ताजा उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब इंग्लैंड में काउंटी खेलने के लिए सिलेक्ट हुए एक कश्मीरी लड़के को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन ने NOC देने से इनकार कर दिया.

एसोसिएशन पर है पीडीपी का कब्जा
पीडीपी के स्पोर्ट्स मिनिस्टर इमरान रजा अंसारी की अगुवाई वाले जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन ने क्रिकेटर से कहा कि वो नेहरू और फारुख अब्दुल्ला से जाकर एनओसी मांगे. महजूर अली सोफी नाम के इस तेज गेंदबाज एक रणजी ट्रॉफी, चार लिस्ट-ए और पांच टी20 मैचों में जम्मू कश्मीर का प्रतिनिधित्व किया है.

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सोफी ने कहा, 'मुझे ईस्टन टाइगर्स क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष ने विदेशी एमेच्योर खिलाड़ी के तौर पर 2016 इंग्लिश सीजन में खेलने के लिए आमंत्रित किया था जो 8 मई से 4 सितंबर तक चलेगी.' जब सोफी ने जेकेसीए को एनओसी देने के लिए संपर्क किया तो उसे कहा गया कि संघ उसे एनओसी नहीं देगी.

निराश सोफी ने कहा, 'मैं जेकेसीए के महासचिव इकबाल शाह के पास गया और उनसे एनओसी के लिए आग्रह किया. पहले उन्होंने सबूत मांगा कि मुझे इंग्लैंड में खेलने के लिए पेशकश की गई जिसे मैंने मुहैया करा दिया. लेकिन तब उन्होंने मुझसे कहा कि संघ मुझे एनओसी नहीं देगा.'

 

उन्होंने कहा कि सचिव ने उनसे पिछले संघ से एनओसी मांगने के लिए कहा जिसके अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला थे. इस समय जेकेसीए के अध्यक्ष राज्य के युवा और खेल मामलों के मंत्री इमरान रजा अंसारी हैं. उनके दल ने पिछले ही साल बड़े हंगामे के बीच अब्दुल्ला की अगुवाई वाले दल की जगह ली थी.

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सोफी ने कहा जेकेसीए को खुश होना चाहिए कि राज्य के एक खिलाड़ी को इंग्लैंड में खेलने का मौका मिला है लेकिन इसके बजाय उन्होंने मुझे दो टूक शब्दों में कार्यालय से निकलने को कह दिया. दूसरी तरफ जेकेसीए के महासचिव ने स्वीकार किया कि संघ ने इस क्रिकेटर को एनओसी देने से इनकार किया है क्योंकि क्लब या दूतावास किसी ने भी संघ को नहीं लिखा.

शाह ने कहा, 'वह मेरे ऑफिस आया और मैंने उससे कहा कि हम उसे एनओसी नहीं देंगे. मैं उसे कैसे एनओसी दे सकता हूं जब किसी क्लब दूतावास से किसी ने मुझे इसके बारे में नहीं लिखा उन्हें उचित प्रक्रिया के जरिए मुझे लिखना चाहिए.'

उन्होंने यह भी कहा कि एनओसी नहीं देकर वह सोफी को उनकी रणजी ट्रॉफी ट्रायल्स में नहीं शामिल होने की गलती महसूस कराना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'वह (सोफी) रणजी ट्रायल्स में नहीं आया और हमें कहा कि हमें न तो कोर्ट ने और न ही बीसीसीआई ने मान्यता दी हुई है. मैं उसे महसूस कराना चाहता था कि उसने विपक्षी गुट (अब्दुल्ला की अगुवाई वाले) के समर्थन से एक साल गंवा दिया है.'

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