हैदराबाद में 12 मई को होगा IPL फाइनल, इस वजह से छिनी चेन्नई की मेजबानी

IPL-2019 के 12वें संस्करण का फाइनल 12 मई को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम के तीन स्टैंड्स को खोलने की अनुमति नहीं मिलने के बाद यह फैसला किया गया.

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हैदराबाद का राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम (iplt20.com) हैदराबाद का राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम (iplt20.com)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 8:20 PM IST

IPL-2019 के 12वें संस्करण का फाइनल 12 मई को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. तमिलनाडु क्रिकेट संघ  (TNCA) को चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम के तीन स्टैंड्स (I, J, K) खोलने की अनुमति नहीं मिलने के बाद यह फैसला किया गया. चेन्नई अब क्वालिफायर-1 की मेजबानी करेगा, जबकि विशाखापत्तनम में एलिमिनेटर और क्वालिफायर-2 खेला जाएगा. चेन्नई सुपर किंग्स पिछले आईपीएल सीजन की विजेता टीम है.

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आमतौर पर प्लेऑफ मुकाबले मौजूदा विजेता और फाइनल तक पहुंचने वाली टीम के घरेलू मैदान पर खेले जाते हैं, लेकिन कुछ कठिनाइयों के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को विशाखापत्तनम में मैच कराने का निर्णय लेना पड़ा.

क्वालिफायर-1 चेन्नई में 7 मई को खेला जाएगा. हैदराबाद को एलिमिनेटर और क्वालिफायर-2 की मेजबानी की उम्मीद थी, लेकिन 6, 10 और 14 मई को होने वाले स्थानीय चुनावों के कारण यह संभव नहीं हो पाया. पुलिस जरूरी सुरक्षा और अनुमति प्रदान करने की स्थिति में नहीं है.

विशाखापत्तनम, जिसे बैक-अप के तौर पर रखा गया था, वह 8 मई को एलिमिनेटर और 10 मई को क्वालिफायर-2 की मेजबानी करेगा. जयपुर सभी चार महिलाओं के मैचों की मेजबानी करेगा. 6 मई को पहले मैच के साथ-साथ चुनाव भी हैं, लेकिन राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) को मुकाबला आयोजित कराने की अनुमति मिल गई है. महिलाओं की तीन टीमें ट्रेलब्लेजर्स, सुपरनोवा और वेलोसिटी होंगी.

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क्या है मामला, क्यों नहीं खुले चेन्नई के तीन स्टैंड्स

गौरतलब है कि तमिलनाडु क्रिकेट संघ (TNCA) एमए चिदंबरम स्टेडियम की तीन दीर्घाओं- I, J और K के लिए स्थानीय नगर निगम से 2012 से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं ले सका है.

मैच के दौरान इस स्टेडियम के तीनों स्टैंड्स खाली रहते हैं. इन तीनों स्टैंड्स (I, J और K ) की अधिकतम क्षमता 12,000 है. यानी एक स्टैंड की क्षमता 4,000 है. नवंबर 2011 से इन तीन स्टैंडों का उपयोग नहीं किया गया है.

बताया जाता है कि विवाद का मुख्य कारण स्टैंड से सटा मद्रास क्रिकेट क्लब (MCC) का जिम्नेजियम है. 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने स्टैंड के कुछ हिस्सों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. साथ ही टीएनसीए से कहा था कि वह चेन्नई नगर निगम को इसका प्लान भेजे. टीएनसीए इससे सहमत है, लेकिन उसे यह प्रक्रिया शुरू करने के लिए राज्य की हेरिटेज कमेटी से अब तक अनुमति नहीं मिली है.

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