'काउंटी में मैंने जानबूझकर चकिंग की...', शाकिब अल हसन का सच जिसने सबको चौंका दिया

बांग्लादेश के ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने इंग्लिश काउंटी में सरे की ओर से खेलते समय जानबूझकर चकिंग करने की बात स्वीकार की. उन्होंने बताया कि लगातार मैचों की थकान और शरीर पर दबाव के कारण उन्हें ऐसा करना पड़ा. शाकिब पर ECB ने गेंदबाजी करने से प्रतिबंध लगाया था, जब लॉफबोरो यूनिवर्सिटी में उनका एक्शन अवैध पाया गया.

Advertisement
इंग्लिश काउंटी में शाकिब की चकिंग. (Photo: Getty) इंग्लिश काउंटी में शाकिब की चकिंग. (Photo: Getty)

aajtak.in

  • लंदन,
  • 08 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

बांग्लादेश क्रिकेट के दिग्गज ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने माना कि इंग्लैंड में सरे की ओर से काउंटी क्रिकेट खेलते समय वह शारीरिक रूप से इतने थक चुके थे कि गेंदबाजी करते वक्त अनजाने में नहीं, बल्कि जानबूझकर चकिंग (गलत एक्शन से गेंदबाजी करना) का सहारा लेने लगे. इसी कारण ईसीबी ने उन पर गेंदबाजी करने से प्रतिबंध लगाया.

Advertisement

यह घटना तब का है, जब शाकिब को इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) द्वारा आयोजित सभी प्रतियोगिताओं में गेंदबाजी करने से रोक दिया गया था. लॉफबोरो यूनिवर्सिटी में उनकी एक्शन टेस्टिंग हुई थी, जिसमें उनका गेंदबाजी एक्शन अवैध पाया गया.

इसकी शुरूआत तब हुई जब टांटन में सरे और समरसेट के बीच खेले गए प्रथम श्रेणी मैच में अंपायरों ने उनके एक्शन को लेकर शिकायत दर्ज की. इस मैच में शाकिब ने दोनों पारियों को मिलाकर करीब 65 ओवर फेंके... और यह ओवर लोड उनके शरीर पर भारी पड़ गया.

ये भी पढ़ें - इस स्टार क्रिकेटर का चौंकाने वाला यू-टर्न... रिटायरमेंट का फैसला बदला, अब तीनों फॉर्मेट में खेलना चाहते फेयरवेल सीरीज

शाकिब ने ‘बियर्ड बिफोर विकेट’ पॉडकास्ट पर दिल खोलकर बताया, 'मैं बहुत थका हुआ था. एक मैच में 70 से ज्यादा ओवर मैंने अपने पूरे करियर में कभी भी टेस्ट क्रिकेट में नहीं फेंके. सरे के लिए चार दिवसीय मैच खेल रहा था और थकान इतनी थी कि मेरा एक्शन बिगड़ गया. मुझे महसूस हो रहा था कि मैं गलत तरीके से गेंद फेंक रहा हूं… और हां, मैं जानबूझकर ऐसा कर रहा था.'

Advertisement

उन्होंने बताया कि हालात कैसे बने. 'मैं पाकिस्तान के खिलाफ लगातार दो टेस्ट खेलकर आया था, और सीरीज जीतने के बाद तुरंत इंग्लैंड पहुंचा. शरीर पर काफी भार था. मुझे लगा था कि अंपायर कम से कम चेतावनी देंगे, लेकिन नियम उनके हाथ में थे और फैसला वही होना था जो हुआ. इसलिए मैंने किसी तरह की शिकायत नहीं की.'

शाकिब के मुताबिक, लगातार मैच खेलने के दबाव, लंबे स्पेल और कम समय में एक फॉर्मेट से दूसरे फॉर्मेट में स्विच करने की वजह से उनकी बॉडी ओवरलोड हो गई थी. यह घटना न सिर्फ उनकी फिटनेस पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ओवरवर्किंग और शेड्यूल मैनेजमेंट खिलाड़ियों के करियर को किस हद तक प्रभावित कर सकता है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement