गौतम पर आफरीदी का गंभीर हमला, कहा- उनके एटीट्यूड में दिक्कत

शाहिद आफरीदी ने पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि गंभीर की कोई पर्सनालिटी नहीं है और उनके साथ एटीट्यूड की दिक्कत है.

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गौतम गंभीर और शाहिद आफरीदी (फाइल फोटो) गौतम गंभीर और शाहिद आफरीदी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2019,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद आफरीदी ने पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि गंभीर की कोई पर्सनालिटी नहीं है और उनके साथ एटीट्यूड की दिक्कत है. आफरीदी ने ये बातें ऑटोबायोग्राफी 'गेम चेंजर' में लिखी है. बता दें कि आफरीदी ने 'गेम चेंजर' में अपनी असली उम्र का खुलासा किया है, जिसके बाद से ये ऑटोबायोग्राफी चर्चा में है.  

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आफरीदी और गंभीर के बीच दुश्मनी पुरानी है. दोनों की 'दुश्मनी' की शुरुआत साल 2007 में हुई थी. कानपुर में भारत और पाकिस्तान के बीच वनडे मैच  के दौरान दोनों की भिड़ंत हुई थी. दरअसल आफरीदी की गेंद पर गंभीर रन लेने के लिए दौड़ रहे थे, तभी दोनों के बीच टक्कर हो गई थी.

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आफरीदी ने गंभीर से दुश्मनी को निजी बताते हुए कहा कि कुछ प्रतिद्वंद्विता निजी होती है तो कुछ प्रोफेशनल होती हैं. गंभीर इसमें पहला मामला है. ओह कमजोर गौतम, वो और उनका रवैया एक समस्या रहा है. उनके पास कोई व्यक्तित्व ही नहीं है. वो क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में एक मुश्किल चरित्र हैं.  वो कोई महान खिलाड़ी नहीं हैं. उनके नाम कोई महान रिकॉर्ड नहीं है. उनके पास एटीट्यूड काफी है. आफरीदी ने आगे कहा कि गंभीर के रवैये को प्रतिस्पर्धी नहीं कहा जा सकता है, वास्तव में, वह अपने खेल के दिनों में नकारात्मकता से भरे थे.

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2007 की घटना का जिक्र करते हुए आफरीदी ने लिखा कि मुझे 2007 एशिया कप के दौरान गंभीर के साथ रन-इन याद है.  जब उन्होंने एक रन पूरा किया तो वो सीधे दौड़ते मेरे सामने आ गए. अंपायरों को इसे खत्म करना था या मुझे इसे खत्म करना था. जाहिर है कि हमारे बीच एक-दूसरे की फिमेल रिलेटिव्स के बारे में चर्चा हुई.

उन्होंने आगे लिखा कि गंभीर ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे डॉन ब्रेडमैन और जेम्स बॉन्ड के बीच एक क्रॉस हो.  कराची में हम लोग उन्हें सरयाल (जला हुआ) कहते हैं. मुझे सिंपल, खुश और सकारात्मक लोग पसंद हैं. कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वे आक्रमक रहे या प्रतिस्पर्धी, लेकिन आप. सकारात्मक होने चाहिए, लेकिन गंभीर नहीं थे.

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