भारत और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) का फाइनल साउथैम्पटन में 18-22 जून तक खेला जाएगा. इस महामुकाबले से पहले 'आजतक' मेगा क्रिकेट कॉन्क्लेव E- Salaam Cricket 2021 का आयोजन कर रहा है. कार्यक्रम की शुरुआत मास्टर सचिन तेंदुलकर से हुई. सचिन ने कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने आजतक के मंच से टीम इंडिया के बल्लेबाजों को अहम सलाह दी. सचिन ने ये भी बताया कि फाइनल जैसे अहम मुकाबले में कोच का होना कितना जरूरी होता है. सचिन ने इसके लिए टीम इंडिया के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन का उदाहरण दिया.
सचिन ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में कोच का होना बहुत जरूरी है. कोच से आप एक हद तकनीक की बात कर सकते हैं, क्योंकि इस लेवल पर सभी को पता होता है कि कौन-सा शॉट कैसे खेलना है. ऐसे ही गेंदबाजों को पता होता है कि कौन-सी स्विंग कैसे डालनी है.
सचिन ने कहा कि कोच का काम है खिलाड़ियों के माइंडसेट को सही रखना. ड्रेसिंग रूम में अच्छा माहौल रहे, इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. अगर कोच रहते आप ये कर सकते हैं तो बहुत अच्छा है.
सचिन ने कर्स्टन के उदाहरण से समझाया
तेंदुलकर ने कहा कि मैं गेरी कर्स्टन का उदाहरण देता हूं. हम न्यूजीलैंड के नेपियर में खेल रहे थे. कीवी टीम ने पहली पारी में 650-700 का स्कोर किया था. और हमने भी 400 के करीब किया था. हमें फॉलोआन दिया गया था. दो दिन से ज्यादा का समय बाकी था. कर्स्टन ने बिल्कुल गुस्सा नहीं किया.
सचिन ने कहा कि गेरी ने ड्रेसिंग रुम में सभी को यही बताया कि ये मौका है जब आपको बताना है कि आप किस लिए बने हैं. मैदान पर जाओ और दो दिन बल्लेबाजी करो. और हमने दो दिन बैटिंग की. वो टेस्ट मैच हमने ड्रॉ किया था. गौतम गंभीर ने अच्छी पारी खेली थी. तेंदुलकर ने कहा कि अहम मौकों पर अगर कोच ठंडा रहे तो बहुत सारी मुसीबतें दूर हो जाती हैं. और रवि शास्त्री ऐसा करने में सफल रहे हैं.
'क्रिकेट नहीं बदलता बस टाइटल बदलता है'
WTC फाइनल पर सचिन ने कहा, 'क्रिकेट नहीं बदलता बस टाइटल बदल जाता है. यह खिलाड़ी पर निर्भर करता है कि वह कितना और किस रूप में दबाव लेता है. 2011 विश्व कप के दौरान हमने चर्चा की थी कि दबाव कहां होगा. यदि आप अपने ऊपर ज्यादा बोझ लेंगे तो निश्चित रूप से यह आपको डुबो देगा. लेकिन यदि आप इसके साथ चलते हैं तो यह आपको प्रेरित कर सकता है. यह आपको तय करना है कि कितना प्रेशर लेना है.'
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