Ashes Series, Glen Mcgrath: मौजूदा एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम 2-0 की बढ़त बना चुकी है. अब 26 दिसंबर से शुरू हो रहे मेलबर्न टेस्ट मैच को जीतकर कंगारू टीम सीरीज पर कब्जा करना चाहेगी. वहीं, इंग्लिश टीम की नजरें इस मुकाबले को जीतकर सीरीज में बने रहने पर होंगी.
हालांकि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्लेन मैक्ग्रा के अनुसार इंग्लिश खिलाड़ियों में आक्रामकता की कमी रही है. मैक्ग्रा ने कहा कि यह बहुत अच्छा होगा यदि 'अच्छे बने रहने' की बजाय तीसरे टेस्ट में एक अच्छी लड़ाई देखने को मिले. पूर्व क्रिकेटर ने अपने खेल के दिनों को याद किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि उस समय चीजें कैसी थीं.
मैक्ग्रा ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से कहा, 'कभी-कभी जरूर से ज्यादा अच्छाई जाती है. सब कुछ ऐसे ही चल रहा है ना? सब अच्छे बने रहने की होड़ में हैं. लोग आक्रामक होने और कड़ी मेहनत करने को लेकर थोड़े नर्वस हैं. मुझे याद है जब नासिर हुसैन इंग्लैंड के साथ यहां आए थे तो उन्हें हमसे बात करने या 'गुड डे' कहने की भी अनुमति नहीं थी.'
उन्होंने कहा, 'हर बार जब आप अंग्रेज या ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों में से किसी का साक्षात्कार सुनते हैं, तो वे निकनेम का उपयोग करते हैं. ब्रॉडी, जिमी, केज. मैंने पूछा कि केज कौन है तो पता चला कि वह एलेक्स केरी हैं. हमारे समय की अपेक्षा अब वे एक-दूसरे से बहुत अधिक परिचित हैं.'
मैक्ग्रा को लगता है कि आईपीएल और बीबीएल के कारण खिलाड़ियों के बीच एक अच्छा बॉन्ड विकसित हुआ है. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इससे मैदान पर खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज पर एक तरह से असर पड़ा है. मैक्ग्रा ने आगे बताया कि जब वे बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए एक-दूसरे का सामना करेंगे, तो वह मैदान पर दोनों पक्षों से अधिक प्रतिस्पर्धा देखना चाहेंगे.
मैक्ग्रा ने बताया, 'यह सब बॉडी लैंग्वेज के बारे में है. अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का कितना मतलब है? इंग्लैंड को इसके बारे में सोचना होगा और इस बारे में वास्तव में अच्छी सोच रखनी होगी. आईपीएल और बिग बैश के चलते ये खिलाड़ी एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं. आप बल्लेबाजों और गेंदबाजों को एक-दूसरे से मजाक करते हुए देखते हैं.'
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