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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022

Mirabai Chanu CWG 2022: कभी तीरंदाज बनना चाहती थीं मीराबाई चनू, अब वेटलिफ्टिंग में मचा रहीं धूम

aajtak.in
  • बर्मिंघम,
  • 31 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 10:09 AM IST
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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टर मीराबाई चनू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 49 किलो भारवर्ग  गोल्ड मेडल अपने नाम किया. टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चनू ने स्नैच में 88 किलो का वजन उठाया. वहीं क्लीन एंड जर्क में मीराबाई ने 113 किलो भार उठाने में कामयाब रहीं.

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टोक्यो ओलंपिक 2020 की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू ने गोल्डकोस्ट में हुए 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. साथ ही मीराबाई 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी मीराबाई ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया था. अब बर्मिंघम गेम्स में भी मीराबाई चनू भारतीय फैन्स की उम्मीदों पर पूरी तरह खरी उतरी हैं.

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27 साल की मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के नोंगपेक काकचिंग गांव में हुआ था. शुरुआत में मीराबाई का सपना तीरंदाज बनने का था, लेकिन किसी कारणवश से उन्हें वेटलिफ्टिंग को अपना करियर चुनना पड़ा. मीराबाई की मेहनत आखिरकार रंग लाई जब उन्होंने साल 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलो भारवर्ग में उन्होंने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता.

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मीराबाई ने वर्ष 2008 में अपने गृहनगर इम्फाल में भारोत्तोलन की शुरुआत की थी. बाद में उन्हें वर्ष 2011 में बेंगलुरु में आयोजित नेशनल कैम्प  में शामिल किया गया. फिर वह 2012 से नेशनल कैम्प पटियाला में हैं. लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत मीराबाई 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने में कामयाब रही. हालांकि, रियो में उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा था.

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मीराबाई को प्रैक्टिस के लिए अपने घर से काफी दूर जाना पड़ता था, जिसके चलते वह ट्रक का भी इस्तेमाल करती थी. मीराबाई ने इस अनुभव के बारे में कहा था, 'मेरा गांव इम्फाल से 23 किलोमीटर दूर है और मुझे ट्रेनिंग के लिए पांच बजे सवेरे रिपोर्ट करना रहता था. सवेरे के समय टैक्सी ,बस मिलना मुश्किल रहता था. उस लाइन में ट्रक काफी चलते रहते हैं. मैं सोचती थी कि ट्रक से चली जाउं ताकि जल्दी रिपोर्ट कर सकूं. शुरुआत में मेरी मां ने अपना ख्याल रखने को कहा था. बाद में मां ने भी ट्रक ड्राईवर से मुझे ट्रेनिंग सेंटर पर छोड़ने की गुजारिश की. मेरे एक भाई आर्मी में हैं, जिन्होंने मुझे काफी सपोर्ट किया.' 

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मीराबाई ने इसके बाद एशियन चैम्पियनशिप में 49 किलो भारवर्ग में कांस्य जीतकर टोक्यो का टिकट हासिल किया था. इसके साथ ही मीराबाई 2021ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली इकलौती भारतीय वेटलिफ्टर बन गई थीं. उस चैम्पियनशिप में मीराबाई ने ने स्नैच में 86 किग्रा का भार उठाने के बाद क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए 119 किलोग्राम का भार उठाया था.

 

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मीराबाई चनू के करियर का सबसे ऐतिहासिक लम्हा तब सामने आया, जब उन्होंने 49 किलो भारवर्ग में भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता. इसके साथ ही मीराबाई ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर बन गई थीं. उस ओलंपिक में स्नैच के बाद मीराबाई चनू दूसरे नंबर पर थीं. इसके बाद क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में मीराबाई चानू 110 और दूसरे प्रयास में 115 किलो वजन उठाने में कामयाब रही थीं जो सिल्वर जीतने के लिए काफी था.

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सभी फोटो क्रेडिट: (Getty/PTI)

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