CWG: गोल्ड कोस्ट में भारत के वेटलिफ्टरों ने बनाया ये रिकॉर्ड

गोल्ड कोस्ट में खेले जा रहे 21वें कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय वेटलिफ्टरों का जलवा रहा.  इन खेलों में भारोत्तोलकों ने रिकॉर्ड 5 गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है.

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21वें कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय वेटलिफ्टरों का जलवा 21वें कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय वेटलिफ्टरों का जलवा

अमित रायकवार

  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST

गोल्ड कोस्ट में खेले जा रहे 21वें कॉमनवेल्थ खेलों में भारत के वेटलिफ्टरों का जलवा रहा. इन खेलों में भारोत्तोलकों ने रिकॉर्ड 5 गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है. यह पहला मौका है, जब भारत ने वेटलिफ्टिंग में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीते हैं.  इस बार वेटलिफ्टिंग में भारत को कुल 9 पदक मिले, जिनमें 5 गोल्ड, 2 सिल्वर और इतने ही ब्रॉन्ज हैं. 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय वेटलिफ्टरों ने 3  गोल्ड मेडल जीते थे और तब कुल पदकों की संख्या 12 थी.

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भारतीय वेटलिफ्टरों का जलवा

भारत में वेटलिफ्टिंग दूसरे खेलों की तरह इतनी पॉपुलर तो नहीं है, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने वर्ल्ड चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, ओलंपिक जैसे बड़े इवेंट में पदक जरूर बटोरे हैं. जिसमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. आमतौर पर इसके पुरुषों का खेल माना जाता है, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है. ऑस्ट्रेलिया में चल रहे कॉमनवेल्थ खेलों में तीन महिला वेटलिफ्टरों ने सोने का तमगा हासिल किया, जो इस ओर इशारा कर रहा है कि आने वाले समय में इस खेल की लोकप्रियत में इजाफा होगा.

नियम में आया बदलाव

वेटलिफ्टिंग खेलों के नियम में समय के साथ कुछ बदलाव भी हुआ.  2002 तक स्नैच, जर्क और टोटल के अंकों पर अलग-अलग पर पदक मिलते थे. इसके बाद 2006 में नियमों में कुछ बदलाव किया गया. अब स्नैच एंड जर्क के अंकों को मिलकर पदक मिलने लगे. जिसका फायदा खिलाड़ियों को हुआ. भारत के इतिहास में महिला वेटलिफ्टरों में सबसे पहला पदक कुंजरानी देवी ने 1990 में बीजिंग में एशियन गेम्स के दौरान लिया था. वहीं, पुरुषों में  वेटलिफ्टिंग का पहला पदक भारत को  1966 में एमएल घोष ने जमैका में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में दिलाया था.

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वेटलिफ्टिंग को पॉपुलर करने की कवायद

सरकार और फेडरेशन इस खेल को लोकप्रिय बनाने का पूरा प्रयास कर रही है. अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को उच्च स्तर की कोचिंग दी जा रही है. खुराक पर पूरा ध्यान रखा जा रहा है. विदेशों से भी कई तरह के सप्लीमेंट खिलाड़ियों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिससे खिलाड़ियों का स्तर बेहतर हो सके. उम्मीद है आने वाले समय में ओलंपिक जैसे खेलों के महाकुंभ में भारतीय वेटलिफ्टर अपने होने का अहसास दुनिया को जरूर कराएंगे.

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