हिमाचल प्रदेश में साधु जीवन जी रहा सर्वेश सचान करीब 1000 किमी की यात्रा तय करके SIR यानी Special Intensive Revision फॉर्म की औपचारिकताएं पूरी करने कानपुर पहुंचा. साल 1989 में घर छोड़ने के बाद सर्वेश हरिद्वार और फिर हिमाचल के शिवशक्ति धाम मंदिर में रहने लगा था. लगभग नौ साल से वह गांव नहीं लौटा था, क्योंकि पैतृक संपत्ति को लेकर परिवार से गंभीर विवाद हुआ था.