आज के समाज में बेटा बेटी के बीच भेदभाव की कोई जगह नहीं रहनी चाहिए. परिवार में बेटियों को भी बराबर का सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए. सभी परिवारों में महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता होनी चाहिए जिससे उत्तरदायित्व और अवसर बराबर हों।. रोहिणी जी जैसी बेटियाँ, जिन्होंने अपनी किडनी का दान कर पिता का जीवन बचाया, सामाजिक आदर्श प्रस्तुत करती हैं.