गाजियाबाद के एक गांव में पैदा हुए मनुज जिंदल शुरुआती पढ़ाई करने के बाद देहरादून के एक स्कूल में पढ़ाई करने चले गए. स्कूल की पढ़ाई पूरी करते ही उनका सीधे एनडीए में चयन हो गया. ट्रेनिंग एकेडमी में उन्होंने पहले टर्म में तो बहुत अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन दूसरा टर्म आते आते वो एंजाइटी और डिप्रेशन का शिकार हो गए. इस मुसीबत से लड़ाई उनके लिए बेहद मुश्किल थी, साथ ही मुश्किल था अपना वजूद और अपनी पहचान बचाना. इस दौर से बाहर आकर कैसे वो एक आईएएस अफसर बने, इसके पीछे की पूरी कहानी हर उस इंसान को प्रेरणा देती है जो डिप्रेशन को जीवन का अंत मान लेता है.