इस संविधान में राष्ट्रपति का जिक्र कुल एक सौ इक्कीस बार किया गया है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि एक संशोधन के द्वारा कांग्रेस ने राष्ट्रपति के सारे अधिकार समाप्त कर दिए. परिणामस्वरूप, राष्ट्रपति केवल रबर स्टैंप बनकर रह गए। वे कैबिनेट द्वारा बताए गए निर्णयों को ही अंतिम मानकर उस पर मोहर लगाने का काम करने लगे. इस तरह राष्ट्रपति का संस्थान लगभग समाप्त हो गया है.