गुजरात के सौराष्ट्र की राजधानी माने जाने वाले राजकोट शहर में इक्कीसवीं सदी के युग में भी अंधविश्वास का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था. शहर के ग्रीनलैंड चौकड़ी के पास स्थित एक स्थान पर चौहान परिवार द्वारा अपने बीमार बेटे को ठीक करने के उद्देश्य से माताजी की मन्नत रखी गई थी जिसमें लगभग 15 जीवित बकरों की बलि चढ़ाने की तैयारी थी.