इस फटते हुए तारे में इतना कैल्शियम है, जितना अरबों-खरबों गैलन दूध में होता है

अगर पृथ्वी को छोड़ दें, तो आपको दूध कहीं नहीं मिलेगा. आकाशगंगा (Galaxy) का नाम भले ही मिल्की वे (Milky Way) है, लेकिन इसमें दूध कहीं नहीं है. पर कैल्शियम (Calcium) की बात करें, तो निसंदेह यहां बहुत ज्यादा कैल्शियम है. अंतरिक्ष में तारों के बीच इतना कैल्शियम तैर रहा है कि जितना अरबों-खरबों गैलन दूध में होता है. 

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Cassiopeia A की इस तस्वीर में सिर्फ कैल्शियम दिख रहा है (Photo: NASA) Cassiopeia A की इस तस्वीर में सिर्फ कैल्शियम दिख रहा है (Photo: NASA)

aajtak.in

  • वॉशिंगटन,
  • 14 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:36 AM IST

कैल्शियम (Calcium) हमारे लिए बहुत ज़रूरी होता है. ये सिर्फ दूध में नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में भी फैला हुआ है. अंतरिक्ष में तारों के बीच इतना कैल्शियम तैर रहा है कि जितना अरबों-खरबों गैलन दूध में होता है. 

अंतरिक्ष में मिलने वाला कैल्शियम तारों से आता है. वास्तव में, हाइड्रोजन और हीलियम के अलावा, आपके शरीर और पृथ्वी को बनाने वाले सभी तत्व तारों से बने हैं या बड़े तारों के विस्फोट के दौरान बने थे.

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 कैसिओपिया A की इस तस्वीर में सभी तत्व दिखाई दे रहे हैं (Photo: NASA_JPL)

तारे शक्तिशाली रासायनिक कारखानों की तरह होते हैं. वे न्यूक्लियर फ्यूज़न की प्रक्रिया के ज़रिए हाइड्रोजन और हीलियम को जलाते हैं, जिससे भारी मात्रा में ऊष्मा ऊर्जा (Heat Energy) पैदा होती है. ऊर्जा के अलावा, बड़े पैमाने पर तारों में फ्यूज़न होता है, जिससे कार्बन, नाइट्रोजन, आइरन और अन्य परमाणु बनते हैं. ऐसा उन्हीं तारों में होता है जो हमारे सूर्य के द्रव्यमान से 8 गुना ज्यादा वजन वाले होते हैं. 

जैसे ही तारे के कोर में लोहा (Iron) जमा हो जाता है, फ्यूज़न की प्रोसेस हीट एनर्जी पैदा नहीं करती. एक बड़े तारे के जीवन में इस बिंदु पर कोर ढह जाता है और तारा फट जाता है और वे सभी परमाणु अंतरिक्ष में फैल जाते हैं. कुछ परमाणु एक दूसरे से टकराकर आपस में जुड़ जाते हैं और जुड़कर सोना, चांदी और यूरेनियम जैसे और भी भारी परमाणु बन जाते हैं. ये परमाणु अरबों सालों से आकाशगंगा में फैले हुए हैं.

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कैसिओपिया A (Cassiopeia A) एक ऐसा तारा है जो करीब 320 साल पहले फटा था. तब उसे रिकॉर्ड करने के लिए कोई खगोलशास्त्री नहीं था, लेकिन हम आज भी उस विस्फोट के अवशेषों को एक रंगीन सुपरनोवा के अवशेष के तौर पर देख सकते हैं. इस अवशेष में गैस की गति को मापकर खगोलविद इसकी उम्र का अनुमान लगाते हैं.

पृथ्वी की परिक्रमा करने वाली सैटेलाइट चंद्रा एक्स-रे ऑब्ज़रवेटरी (Chandra X-ray Observatory) ने इस विस्फोट से गर्म एक्स-रे-उत्सर्जक गैस देखी. यह गैस सूर्य की सतह से भी ज्यादा गर्म होती है. इस ऑब्ज़रवेटरी ने विस्फोट के अंदर अलग-अलग तत्व भी देखे. जैसे ऊपर दी गई तस्वीर में केवल कैल्शियम तत्व दिख रहा. यह तस्वीर नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर (Goddard Space Flight Center) के शोधकर्ताओं ने बनाई है.

कैसिओपिया A में कितना कैल्शियम है? 

जिस तारे से सुपरनोवा अवशेष कैसिओपिया A बना, वह सूर्य से कराब 20 गुना ज्यादा भारी था. यह काफी हद तक हाइड्रोजन से बना था, लेकिन इसमें कैल्शियम और दूसरे तत्व भी थे. जब तारे में विस्फोट होता है, तो उसमें मौजूद हाइड्रोजन, कैल्शियम और बाकी तत्व अंतरिक्ष में उड़ जाते हैं. विस्फोट से इस तरह के तत्व बनते भी हैं. इसमें कैल्शियम की कुल मात्रा मूल तारे के द्रव्यमान के लगभग 0.05% के बराबर है.

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अब ज़रा हिसाब लगाइए. एक गिलास दूध में करीब 300 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. उस हिसाब से तो Cassiopeia A में इतना कैल्शियम है जो दूध के 10 मिलियन ट्रिलियन ट्रिलियन ग्लास से ज्यादा में होता है.

 

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