चिड़िया की इस प्रजाति के दो नहीं 4 लिंग हैं, समझिए कैसे

इंसानों की रिलेशनशिप अगर आपको कॉम्प्लिकेटिड लगती है, तो एक बार सफेद गले वाली गौरैया (White-throated sparrows- Zonotrichia albicollis) के यौन जीवन को समझ लीजिए. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इन चिड़ियों के दो नहीं चार लिंग होते हैं. हां, ये बात आसानी से गले नहीं उतरेगी. इसलिए इसे समझने की कोशिश करते हैं.  

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ऐसी और भी प्रजातियां हो सकती हैं, जिनमें अजीब सेक्स क्रोमोसोम हों (Photo: Pixabay) ऐसी और भी प्रजातियां हो सकती हैं, जिनमें अजीब सेक्स क्रोमोसोम हों (Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • ओटावा,
  • 31 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

गौरैया तो हम सभी ने देखी हैं, लेकिन सफेद गले वाली गौरैया (White-throated sparrows- Zonotrichia albicollis) के बारे में शायद आप नहीं जानते. इन गौरैयों का यौन जीवन थोड़ा जटिल है. इन चिड़ियों के दो नहीं चार लिंग होते हैं. एक पक्षी के चार अलग-अलग लिंग कैसे हो सकते हैं, इसे समझने के लिए आगे पढ़िए.

सफेद गले वाली गौरैया उत्तरी अमेरिका में आम हैं. सभी सफेद गले वाली गौरैया की आंख के ऊपर एक बहुत साफ लाइन या पट्टी बनी होती है, जो चोंच के आधार से आंख के ऊपर से होते हुए सिर के पीछे तक जाती है. इस पट्टी को 'सुपरसिलियम'(Supercilium) या 'आइब्रो स्ट्राइप' (Eyebrow stripe) कहा जाता है. ऐसा कई पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन सफेद गले वाली गौरैया में, यह पट्टी हमेशा एक जैसी नहीं होती. कुछ में यह सफेद होती है, कुछ में यह गहरे रंग (Tan) की होती है. ऐसा नर और मादा में होता है. यानी इनमें सफेद धारी वाले नर, गहरी धारी वाले नर, सफ़ेद धारी वाली मादा, और गहरी धारी वाली मादा गौरैया होती हैं.

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दो नहीं 4 लिंग वाली गौरैया (Photo: Getty)

लेकिन इन्हें चार लिंग क्यों कहा जाता है?

कनाडा के जीवविज्ञानी एलेना टटल (Elaina Tuttle) और रस्टी गोंसर (Rusty Gonser) ने सफेद गले वाली गौरैया के जेनेटिक्स के बारे में बताया. उन्होंने इस प्रजाति में एक जेनेटिक म्यूटेशन (Genetic mutation) का पता लगाया जिसकी वजह से यह इस पक्षी के क्रोमोज़ोम एक बड़े हिस्से को फ्लिप कर देता है. नतीजा चार जीनोटाइप होते हैं, जो केवल दूसरे खास जीनोटाइप के साथ ही प्रजनन कर सकते हैं.

शोधकर्ताओं का कहना है कि 99 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में, गहरी धारी वाली गौरैया केवल सफेद-धारी वाली गौरैया के साथ संबंध बनाती हैं. गहरी धारी वाले नर और मादा या सफ़ेद धारी वाले नर और मादा आपस में संबंध नहीं बनाते. इसलिए अब, बायोलॉजिकल सेक्स की कोई सटीक परिभाषा नहीं है, लेकिन एक परिभाषा में ये समझा जा सकता है कि गौरैया अपनी आबादी के किस अनुपात के साथ प्रजनन कर सकती है. जानवरों की करीब सभी प्रजातियों में ये ½ या एक बटा दो होता है. यही कारण है कि हमारे पास दो लिंग होते हैं.

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हर समूह आबादी के केवल ¼ के साथ प्रजनन करता है (Photo: Getty)

लेकिन सफेद गले वाली गौरैया में, 4 होते हैं- गहरी धारी वाले नर, गहरी धारी वाली मादा, सफेद धारी वाले नर और सफेद धारी वाली मादा. हर समूह आबादी के केवल ¼ के साथ प्रजनन करता है. दूसरे शब्दों में, इसे चार अलग-अलग लिंग माना जाता है.

 

एक ही प्रजाति में इस तरह के अजीब विभाजन को इस तथ्य से समझाया जा सकता है कि गहरी धारियों में एक क्रोमोसोम की दो एक जैसी कॉपी होती हैं, लेकिन सफेद धारी वाली गौरैया में कई इनवर्ज़न होते हैं. गोनसर का कहना है कि ऐसी और भी प्रजातियां हो सकती हैं, जिनमें अजीब सेक्स क्रोमोसोम हों जिन्हें हमने कभी देखने की जहमत नहीं उठाई.


 

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