हमने अक्सर देखा है कि जब हम इंजक्शन लगवाने जाते हैं या फिर ब्लड टेस्ट करवाते हैं, तो हमारी नसों में इंजक्शन लगाकर दवा दी जाती है या फिर ब्लड लिया जाता है. उस वक्त डॉक्टर के लिए नस ढूंढना काफी चैलेंजिंग होता है. कई लोगों के हाथों में नसें आसानी से नहीं दिखतीं. इस काम को आसान करने के लिए एक तकनीक विकसित की गई, जिसके ज़रिए इंसान के शरीर की नसों को उसके ही शरीर पर साफ-साफ देखा जा सकता है.
ये है वेन व्यूअर (Vein viewer) टेक्नोलॉजी. यह एक ऐसा डिवाइस है जो मरीज की नसों का पूरा नक्शा, मरीज़ की त्वचा पर ही प्रोजेक्ट कर देता है. यानी नसों को उसी जगह पर स्क्रीन के तौर पर देखा जा सकता है.
वेन व्यूअर खून और आसपास के ऊतकों या टिश्यू के बीच अलग-अलग प्रकाश अवशोषण के इस्तेमाल से यह दिखा सकता है कि खून कहां बह रहा है. हीमोग्लोबिन आसपास के ऊतकों की तुलना में ज्यादा प्रकाश अवशोषित करते हैं.
यह कैसे काम करता है?
इसमें HD इमेजिंग और एक्सक्लूसिव Df2 (डिजिटल फुल फील्ड) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यह डिवाइस शरीर पर नियर इन्फ्रारेड लाइट (NIR) का उत्सर्जन करता है और आसपास के ऊतकों द्वारा रिफ्लेक्ट की गई लाइट को सामने दिखाता है. नसों को उजागर करने के लिए यह रियल टाइम में शरीर पर तस्वीर को प्रोजेक्ट करता है.
यह तस्वीर एक मैप की तरह होती है, जिसमें नसें साफ दिखती हैं, जिससे इंजक्शन लगाना आसान हो जाता है, साथ ही यह भी साफ-साफ देखा जा सकता है कि दवा किस तरह से प्रवाह कर रही है. इससे 15 मिमी तक गहरे ब्लड पैटर्न देखे जा सकते हैं. उभरी हुई तस्वीर को अपने हिसाब से एडजस्ट भी किया जा सकता है. इस तकनीक को आप नीचे दिए वीडियो में देख सकते हैं.
इसके क्या फायदे हैं
इस तकनीक के फायदे तो इसे देखकर ही समझे जा सकते हैं. यह तकनीक मेडिकल प्रैक्टिस में काफी बड़ा बदलाव ला सकती है. फ्लेबोटोमी (phlebotomy) करने वाले नए डॉक्टरों को इससे बहुत ममद मिलेगी. इससे नसें साफ-साफ उभरकर दिखती हैं, जिससे रोगी भी कंफर्टेबल रहते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि इंजक्शन लगा रहा शख्स सही जगह सुई लगा रहा है. ये एडिमा, रोलिंग वीन्स, बुजुर्गों, बच्चों और जिन लोगों के शरीर में नसें साफ तौर पर नहीं दिखतीं, उनके लिए बहुत कारगर है. यह सर्जरी, ब्लड/प्लाज्मा सेंटर, साथ ही आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में बहुत काम आती है.
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