नींबू और संतरे में मिलने वाले एक तत्व की मदद से वैज्ञानिकों ने पारदर्शी लकड़ी बनाई है. इस लकड़ी की खास बात ये है कि इससे रोशनी आर-पार होती है. यह गर्मी स्टोर करता है. साथ ही यह 100 फीसदी रिन्यूएबल है. आप इस लकड़ी के आर-पार देख सकते हैं. इसे बनाया है केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की वैज्ञानिक सेलीन मोंटानारी और उनकी टीम ने. (फोटोःसेलीन मोंटानारी)
केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KTH Royal Institute of Technology) की वैज्ञानिक सेलीन मोंटानारी (Celine Montanari) ने कहा कि साल 2016 में पारदर्शी लकड़ी बनाने का अधूरा प्रयास किया गया था. लकड़ी बनी भी थी लेकिन उससे निर्माण नहीं हो सकता था. अब हमने ऐसी पारदर्शी लकड़ी बनाई है जिससे आप घर बना सकते हैं. या अपने घर के फर्नीचर. (फोटोःगेटी)
सेलीन ने बताया कि इस पारदर्शी लकड़ी को बनाने के लिए लिगनिन (Lignin) का उपयोग ज्यादा किया गया है. यह हर लकड़ी में होता है, जो सबसे ज्यादा रोशनी खींचता है. लेकिन समस्या ये थी कि लिगनिन के बीच में बहुत सारे छोटे-छोटे छेद होते हैं. जिन्हें मजबूती से भरना जरूरी थी. ताकि लकड़ी पारदर्शी तो हो साथ ही वह मजबूत भी हो. उससे रोशनी तो पार हो ही लेकिन वह अलग-अलग मौसम में खराब न हो. (फोटोःगेटी)
इससे पहले पारदर्शी लकड़ी बनाने के जो प्रयास किए गए उसमें केटीएच वॉलेनबर्ग वुड साइंस सेंटर के वैज्ञानिकों ने फॉसिल आधारित पॉलीमर का उपयोग किया था. अब सेलीन और उनकी टीम ने इसका प्राकृतिक विकल्प निकाल लिया है. सेलीन मोंटानारी की टीम ने नींबू और संतरे में मिलने वाले एक रसायन की मदद ली. (फोटोःगेटी)
इस स्टडी को करने वाली मुख्य वैज्ञानिक सेलीन मोंटानारी ने बताया कि नींबू, संतरे और अन्य साइट्रस फलों में लाइमिन एक्रीलेट (Limonene Acrylate) नाम का रसायन होता है. इसे लाइमिन से बनाया जाता है. लाइमिन एक्रीलेट रिन्यूएबल साइट्रस से बनता है. यानी संतरे और नींबू के बेकार छिलकों से. हम संतरें की जूस इंडस्ट्री से छिलके लेकर आए. उसमें से लाइमिन निकाला. (फोटोःगेटी)
लाइमिन निकालने के बाद हमने उसे पॉलीमर में तब्दील किया. इसमें लिगनिन की तरह ताकत भी होती है और यह रोशनी को आर-पार जाने देता है. अभी जो पारदर्शी लकड़ी बनाई गई है वह 1.2 मिलीमीटर मोटी है. आप इसमें से 90 फीसदी स्पष्ट देख सकते हैं. (फोटोःगेटी)
पिछले पांच सालों से केटीएस इंस्टीट्यूट में पारदर्शी लकड़ी पर काम चल रहा है. लेकिन ये पहली पारदर्शी लकड़ी है जिसका उपयोग निर्माण कार्य में हो सकता है. इसमें हैवी ड्यूटी मैकेनिकल परफॉर्मेंस है. इसमें 174 MPa की ताकत और 17 GPa की इलास्टिसिटी यानी खिंचाव है. केटीएच में फाइबर एंड पॉलीमर टेक्नोलॉजी के प्रमुख प्रोफेसेर लार्स बेर्ग्लंड कहते हैं कि सेलीन और उनकी टीम ने बेहतरीन पारदर्शी लकड़ी बनाई है. (फोटोःगेटी)
लार्स बेर्ग्लंड कहते हैं कि फॉसिल आधारित पॉलीमर को हटाना एक बड़ी चुनौती थी. लेकिन सेलीन ने जो काम किया है उसे मैं ग्रीन केमिस्ट्री का नाम दूंगा. क्योंकि इसमें जिन रसायनों का उपयोग किया गया है वो सारे प्राकृतिक हैं. ये सारे जैविक वस्तुएं है. ये मजबूत, लचीले और एडवांस्ड हैं. इनसे आप किसी भी तरह का फर्नीचर बनवा सकते हैं. (फोटोःगेटी)
प्रोफेसर लार्स बेर्ग्लंड ने कहा कि हमने देखा है कि इस लकड़ी के आर-पार रोशनी जाती है. जिसकी वजह से यह पारदर्शी नजर आता है. इतना ही नहीं इससे ऊर्जा की बचत भी होगी. आपको अंधेरा होने तक इन लकड़ियों की वजह से घर में काफी रोशनी मिलेगी. आपको बिजली का उपयोग कम करना होगा. (फोटोःगेटी)
भविष्य में सेलीन मोंटानारी पारदर्शी लकड़ी को नैनोटेक्नोलॉजी से बनाने का प्रयास करने वाली हैं. इससे भविष्य में निर्माण कार्यों में काफी मदद मिलेगी. ये भी हो सकता है कि अगर इस लकड़ी से बना कोई फर्नीचर टूट जाए या उसमें दरार आ जाए तो यह खुद-ब-खुद इसे भर लेगा. (फोटोःगेटी)