स्वेज कनाल में फंसे कार्गो शिप की वजह से पिछले पांच दिनों से स्वेज की खाड़ी में जहाजों का जाम लगा हुआ है. अंतरिक्ष से गुजरने वाले सैटेलाइट्स ने इस नजारे की तस्वीर ली. ये तस्वीरें हैरान कर देने वाली हैं. स्वेज कनाल में फंसे कंटेनर शिप एवर गिवेन (Ever Given) को दो बार निकालने का प्रयास हो चुका है लेकिन सफलता नहीं मिली. इस जहाज को कुछ लोग एवरग्रीन भी बुलाते हैं. आइए देखते हैं सैटेलाइट्स से ली गई तस्वीरों में क्या दिख रहा है? (फोटोः मैक्सार)
अंतरिक्ष कंपनी एयरबस के प्लीएडस सैटेलाइट्स ने इस नजारे की हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें ली हैं. इन तस्वीरों में स्वेज कनाल और स्वेज की खाड़ी में लगा जाम साफ दिखाई दे रहा है. इस जाम की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने लगा है. क्योंकि कई देशों के जहाज, ऑयल टैंकर, कार्गो शिप इस जाम में फंसे हुए हैं. डेली मेल में प्रकाशित खबर के अनुसार इस जहाज के फंसने की वजह से हर घंटे 290 मिलियन पाउंड का नुकसान हो रहा है. यानी हर घंटे 2897 करोड़ रुपए का नुकसान. (फोटोः एयरबस स्पेस)
कंटेनर शिप एवर गिवेन (Ever Given) के ऊपर पनामा का झंडा लगा है. यह एशिया और यूरोप के बीच कार्गो ले जाती है. इस कार्गो शिप के मालिक जापान की शोई किसेन कायशा लिमिटेड ने कहा है कि शनिवार रात तक इसे कनाल में ही रहना होगा. इसे निकालने का अगला प्रयास रात में हो सकता है. अगर स्थितियां अनुकूल नहीं रहीं तो हम इसे रविवार को निकालेंगे. (फोटोः एयरबस स्पेस)
डेली मेल में प्रकाशित खबर के अनुसार जो तस्वीरें सैटेलाइट्स से ली गई हैं उनमें स्वेज कनाल की स्थिति साफ तौर पर दिखाई दे रही है. ढेर सारे जहाजों का जमावड़ा लाल सागर और स्वेज की खाड़ी में हो गया है. सैटेलाइट तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि 1300 फीट लंबे जहाज ने स्वेज कनाल में यातायात रोक दिया है. ये कनाल अफ्रीका महाद्वीप और सिनाई प्रायद्वीप को अलग करती है. (फोटोः एयरबस स्पेस)
स्वेज कनाल में इस कार्गो शिप के फंसने की वजह से समुद्री व्यापार व्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है. पांच दिनों में ये समस्या काफी बड़ी हो गई है. इस जाम की वजह से शिपिंग की कीमतों में इजाफा हो चुका है. क्योंकि कई जहाजों ने अपना रास्ता बदल दिया है. रास्ता बदलने की वजह से उनके खर्चे में काफी बढ़ोतरी हुई है. (फोटोः एयरबस स्पेस)
ब्लूमबर्ग की तरफ से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक स्वेज की खाड़ी में इस समय 280 जहाजों का जाम लगा हुआ है. एक विशेष उपकरण को जहाज के पास ले जाया गया है ताकि इसे निकाला जा सके. इस उपकरण की मदद से जहाज के दोनों किनारों की तरफ 17 हजार क्यूबिक मीटर रेत प्रति घंटे की दर से हटाने की योजना बनाई जा रही है. (फोटोः एयरबस स्पेस)
रेत के हटते ही इस जहाज को खींचकर निकाला जाएगा. करीब 6 किलोमीटर लंबे स्वेज कनाल के दोनों तरफ इस समय छोटी सिक्योरिटी बोट्स को तैनात किया गया है ताकि कोई जहाज कनाल के अंदर न आ सके. एवर गिवेन (Ever Given) के कैप्टन ने बताया है कि वह जल्द ही इस जहाज को निकलवा कर स्वेज कनाल के बाहर खाड़ी में एंकर करेगा. ताकि केप ऑफ गुड होप से निकलते समय समुद्री डकैतों का शिकार न हो. (फोटोः स्वेज कनाल अथॉरिटी)
कैप्टन ने बताया कि जब जाम क्लियर हो जाएगा तब वह अपने जहाज को आगे लेकर जाएगा. रविवार को जहाज के नीचे से रेत हटाने के साथ जहाज के निचले हिस्से में जमा पानी को भी को भी कम करने का प्रयास किया जाएगा. ताकि जहाज का वजन कम किया जा सके.
स्वेज कनाल अथॉरिटी के अधिकारियों ने कहा कि हम शनिवार को भी प्रयास करेंगे लेकिन ये सारा कुछ लहरों की उछाल और गति पर निर्भर करता है. करीब 10 टगबोट्स इस जहाज की सहायता में लगाई गई है. जहाज कंपनी शोई किसेन कायशा लिमिटेड के प्रेसीडेंट यूकितो हिगाकी ने कहा है कि हमारे कुछ कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं. ताकि वो स्वेज कनाल अथॉरिटी की मदद कर सकें. (फोटोः स्वेज कनाल अथॉरिटी)
यूकितो ने बताया कि कनाल के दोनों किनारों से रेत को काटने का काम शुरू कर दिया गया है. साथ ही हम जहाज के ऊपर से कंटेनर्स को हटाने की योजना भी बना रहे हैं ताकि जहाज हल्का हो सके और हम उसे आसानी से एक दिशा में मोड़ सकें. (फोटोः स्वेज कनाल अथॉरिटी)
दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्वेज कनाल अथॉरिटी की मदद करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि हमारे पास टेक्नोलॉजी है और क्षमता भी है इस समस्या को दूर करने के लिए. अगर स्वेज कनाल अथॉरिटी कहेगी तो हम उनकी मदद जरूर करेंगे. (फोटोः ESO)